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मंगलवार, 12 नवंबर 2019

किसानों की आय में वृद्धि करने हेतु उन्हें कृषि के साथ उद्यानिकी, पशुपालन आदि गतिविधियों से भी जोड़ना होगा - कृषि उत्पादन आयुक्त

उद्यानिकी, पशुपालन एवं मछली पालन की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश
ग्वालियर | 30-अक्तूबर-2019
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   कृषि उत्पादन आयुक्त श्री प्रभांशु कमल ने कहा कि किसान को कृषि के साथ-साथ पशुपालन, मछली पालन और उद्यानिकी से जोड़ना होगा। जिससे विपरीत परिस्थिति में भी किसान को कृषि के क्षेत्र में होने वाली हानि की भरपाई हो सके। श्री प्रभांशु कमल बुधवार को खरीफ कार्यक्रम की समीक्षा एवं रबी कार्यक्रम के निर्धारण हेतु आयोजित द्वितीय चरण में उद्यानिकी, पशुपालन, मछलीपालन आदि विभागों की समीक्षा बैठक में दिए।
    मोतीमहल के मानसभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री अश्विनी राय, पशुपालन विभाग के संचालक डॉ. आर के रोकड़े, उद्यानिकी विभाग के संचालक डॉ. एम काली दुराही, संभागीय आयुक्त श्री एम बी ओझा, चंबल संभाग के अपर आयुक्त श्री ए के चौहान, कलेक्टर ग्वालियर श्री अनुराग चौधरी, कलेक्टर शिवपुरी सुश्री अनुग्रह पी., गुना कलेक्टर श्री भास्कर लक्षकार, दतिया कलेक्टर श्री बी एस जामोद, अशोकनगर कलेक्टर डॉ. मंजू शर्मा, मुरैना कलेक्टर श्रीमती प्रियंका दास, भिण्ड कलेक्टर श्री छोटे सिंह, श्योपुर कलेक्टर श्री बसंत कुर्रे सहित सभी जिलों के जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
    कृषि उत्पादन आयुक्त श्री प्रभांशु कमल ने विभागवार समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि हमें किसान को कृषि के भरोसे नहीं छोड़ना है, बल्कि उसे उद्यानिकी के क्षेत्र में फल, फूल, सब्जी एवं मसालों की खेती के लिए भी प्रेरित करना होगा। इसके साथ ही उन्हें पशुपालन एवं मछली पालन की गतिविधियों से जोड़ा जाए, जिससे इन क्षेत्रों में भी उसे बेहतर लाभ मिल सके और इन गतिविधियों से स्थानीय स्तर पर भी जरूरतमंद नौजवानों को रोजगार प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे प्रयास करना है कि किसानों की आमदनी दोगुना करने की अपेक्षा 10 गुना बढ़े। इसके लिए किसानों को आधुनिक एवं उन्नत तकनीकी का प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन प्रदाय करना होगा और उन्हें शासन की विभिन्न योजनाओं का भी लाभ दिलाना होगा।
   श्री प्रभांशु कमल ने कहा कि उद्यानिकी के क्षेत्र में किसान कम क्षेत्र में कम पानी में अधिक पैदावार ले सकें। इसके लिए किसानों को ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई साधनों को अपनाने के लिए प्रेरित करना होगा और विभिन्न योजनाओं के तहत इन पर मिलने वाले अनुदान का भी लाभ उन्हें दिलाना होगा। उन्होंने कहा कि फलोद्यान के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। इसके लिए हमें किसानों को खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित करने हेतु बढ़ावा देना होगा। जिससे किसान के उत्पाद के सही दाम मिल सकें। किसानों के उत्पाद खराब न हो, इसके लिए कोल्ड स्टोरेज का निर्माण कराया जाए। इन कोल्ड स्टोरेजों पर शासन से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ भी किसानों को दिलाएं। कृषि के साथ-साथ फलोद्यान के रकबे में भी वृद्धि हो।
   श्री प्रभांशु कमल ने पशुपालन विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ जी की गौशाला निर्माण की योजना को प्राथमिकता के साथ क्रियान्व्यन करें और यह सुनिश्चित करें ‍कि निर्धारित समय पर गौशालाओं का निर्माण पूर्ण हो, उनमें गौवंश के लिए पानी, चारा, उपचार की समुचित व्यवस्था हो।
श्री प्रभांशु कमल ने कहा कि जल संरचनाओं का सेटेलाईट के माध्यम से मैपिंग का कार्य किया गया है, उसका भौतिक सत्यापन सभी कलेक्टर अपने-अपने जिलों में कराएं और उनका इन्द्राज भी खसरे में कराया जाए। कृषि उत्पादन आयुक्त ने निर्देश दिए कि पब्लिक सेक्टर की बैंकों द्वारा भी ऋण देने की गति बढ़ाएं
   मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री अश्विनी राय ने कहा कि मछली पालन किसानों को एक आय का अतिरिक्त स्त्रोत हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमें जिलों में ऐसे तालाबों को चिन्हित करना है, जिनमें 5 से 6 फीट तक नवम्बर – दिसम्बर तक पानी रहता है, उनमें मछली पालन लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों के ऐसे तालाब जो 10 हैक्टयर से कम हैं उन तालाबों में मछली पालन की अधिक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि अधिक मत्स्य उत्पादन लेने हेतु हमें वैज्ञानिक तरीके से मछली पालन करना होगा। सही समय में हमें मछलियों की फीडिंग करानी होगी। उन्होंने कहा कि मछुआ दुर्घटना बीमा योजना के तहत ऐसे मछुआ परिवार जिन्हें अन्य किसी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है उन्हें इस योजना का लाभ दिलाएं। उन्होंने मछुआ क्रेडिट कार्ड का भी लाभ दिलाने के निर्देश दिए।
   उद्यानिकी विभाग के श्री कला दुरही ने कहा कि हमें उद्यानिकी के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। इसके लिए किसानों को प्रेरित करें। जो लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं उन्हें संशोधित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि 110 नर्सरियों को विस्तार एवं आधुनिकीकरण कर उन्हें आदर्श नर्सरी के रूप में विकसित किया जायेगा। श्री दुरही ने कहा कि शिवपुरी जिले में मधुमक्खी पालन की अपार संभावना को देखते हुए किसानों को मधुमक्खी पालन हेतु प्रेरित करें।
    संभागीय आयुक्त श्री एम बी ओझा ने बैठक में कहा कि ग्वालियर संभाग में उद्यानिकी के क्षेत्र में अपार संभावनाओं को देखते हुए किसानों की आय में वृद्धि हो, इसके लिए संभाग के सभी जिलों में किसानों को उद्यानिकी, पशुपालन एवं मछली पालन की गतिविधियों से जोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि संभाग के सभी कलेक्टर अपने-अपने जिलों में जाकर यह सुनिश्चित करें कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप गौशालाओ का निर्माण समय-सीमा में हो और पशुपालन विभाग के मैदानी कर्मचारी भी अपने कर्तव्य स्थल पर ही उपस्थित रहें।
    पशुपालन विभाग के संचालक श्री आर के रोकड़े ने कहा कि स्वीकृत गौशालायें 15 दिसम्बर तक पूर्ण होकर व्यवस्थित रूप से शुरू हों। उन्होंने बताया कि प्रदेश का अलीराजपुर देश का एक मात्र ऐसा जिला है जिसने 90 निराश्रित गौवंश को गौशाला में शिफ्ट की व्यवस्था की गई है।
    बैठक में सभी जिलों के कलेक्टरों ने अपने-अपने जिले में उद्यानिकी, पशुपालन, मछली पालन की ली जा रही गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी ।
 



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