प्रस्तावना स्मरण प्रतियोगिता और क्विज में युवाओं ने दिखाया उत्साह |
बड़वानी | |
कॅरियर काउंसलर और एलएल.बी., गोल्डमेडलिस्ट तथा एम. ए. राजनीति विज्ञान, मेरिट होल्डर डॉ. मधुसूदन चौबे ने विद्यार्थियों को संविधान सभा का गठन, संविधान के निर्माण की प्रक्रिया, संविधान के लागू होने की तिथि के निर्धारण के कारण, संविधान की महत्वपूर्ण विशेषताओं की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि 26 नवम्बर, 2015 को पहली बार संविधान दिवस मनाया गया था। यह प्रारूप समिति के अध्यक्ष और संविधान के जनक डॉ. भीमराव आम्बेडकर की 125 वीं जयंती का वर्ष था। हमारा संविधान 26 नवम्बर, 1949 को बन गया था, लेकिन यह 26 जनवरी, 1950 से लागू किया गया। प्रस्तावना प्रतियोगिता रही अनूठी कार्यकर्ता राहुल मालवीया ने बताया कि प्रस्तावना को संविधान को समझने की कुंजी, संविधान की आत्मा, संविधान की जन्मकुंडली कहा जाता है। प्रस्तावना को समझकर ही दुनिया के सबसे बड़े संविधान को समझा जा सकता है। युवाओं को प्रस्तावना आत्मसात करवाने के उद्देश्य से प्रस्तावना प्रतियोगिता रखी गई। यह बहुत अनूठी रही। इसमें दस युवाओं ने हिंदी और अंग्रेजी में प्रस्तावना सुनाई। हिंदी में कोमल सोनगड़े प्रथम, रितु बर्फा द्वितीय तथा दीक्षा चौहान तृतीय रहीं। अंग्रेजी की प्रस्तावना सुनाने में दीपनिशा मुजाल्दा प्रथम तथा मगाराम जाट द्वितीय रहे। प्रस्तावना के तत्वों की व्याख्या भी की गई। विजेताओं को श्री विवेक पाराशर और श्री राजेश राठौड़ के करकमलों से पुरस्कृत किया गया। क्विज में दिखाया उत्साह क्विज मास्टर विधी लोनारे और आवेश खान ने संविधान से संबंधित प्रश्न किये। इन प्रश्नों में संविधान सभा का निर्माण किस मिशन की अनुशंसा से हुआ? संविधान सभा में मूलतः कितने सदस्य थे? कितने सदस्यों ने संविधान पर हस्ताक्षर किये? किस देश से कौनसे प्रावधान लिये गये? संविधान का चित्रांकन किन्होंने किया? संविधान की मूल प्रति हिन्दी और अंग्रेजी में कैलीग्राफी में किनके द्वारा लिखी गई? सबसे पहले संविधान कहां से मुद्रित हुआ? मूल प्रतियां किस गैस के बॉक्स में संसद भवन के विशेष कक्ष में रखी गई हैं? संविधान का पहला प्रारूप किनके द्वारा लिखा गया? अब तक कितने संशोधन हुए? प्रथम अध्यक्ष सच्चिदानंद सिन्हा किस आधार पर बनाये गये थे? जैसे अनेक प्रश्न सम्मिलित थे। विद्यार्थियों ने उत्सापूर्वक भाग लिया तथा सही उत्तर बताकर इनाम भी जीते। परिचर्चा में संविधान की विशेषताओं पर विद्यार्थियों ने अपने विचार रखे। कविता पाठ में डॉ. मधुसूदन चौबे ने स्वरचित कविता सुनाई कि- मैं भारत का आम आदमी संविधान मेरा है, प्रस्तावना में लिख हुआ हिन्दुस्तान मेरा है, मैं बड़ा हूं संविधान ने मेरी महिमा गाई है, इसकी नींव में गर्म लहू का बलिदान मेरा है। (1 days ago) |
बुधवार, 27 नवंबर 2019

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संविधान दिवस पर हुए सार्थक आयोजन प्रस्तावना स्मरण प्रतियोगिता और क्विज में युवाओं ने दिखाया उत्साह बड़वानी
संविधान दिवस पर हुए सार्थक आयोजन प्रस्तावना स्मरण प्रतियोगिता और क्विज में युवाओं ने दिखाया उत्साह बड़वानी
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