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सोमवार, 9 दिसंबर 2019

अल्पविराम से आया जीवन में आनंद "खुशियों की दास्तां"

ग्वालियर | 09-दिसम्बर-2019
 



 

 

 


    सभी के जीवन में परेशानियां हैं, संकट हैं और तनाव है। तेज रफ्तार से भागती इस दुनिया में सभी को तलाश है सुकून की । सुकून के लिए हर व्यक्ति प्रयासरत है। प्रदेश सरकार द्वारा सभी के जीवन में आनंद और उत्साह बढ़ाने के उद्देश्य से आनंदम विभाग बनाया गया है। विभाग के माध्यम से अल्पविराम कार्यक्रम कर लोगों के जीवन में सुकून लाने तथा तनाव और क्रोध को कम करने का कार्य किया जा रहा है। ग्वालियर में आनंदम विभाग के सहयोग से नगर निगम ने स्वच्छता के कार्य में जुड़े स्वच्छता मित्रों में ऊर्जा का संचार करने के लिए अल्पविराम कार्यक्रम कर स्वच्छता मित्रों में ऊर्जा का संचार करने का कार्य किया है। अल्पविराम कार्यक्रम में शामिल सभी स्वच्छता मित्रों ने इसकी सराहना भी की है।
    स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 के तहत निगम के सभी 66 वार्डों में स्वच्छता का कार्य कर रहे सभी सफाई मित्रों एवं वार्ड स्वास्थ्य अधिकारियों में ऊर्जा का संचार करने के लिए आनंद विभाग के माध्यम से अल्प विराम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें स्वच्छता के क्षेत्र में कार्य कर रहे कर्मचारियों को क्रोध पर नियंत्रण करने, तनाव कम करने तथा विभिन्न परिस्थितियों में शांति पूर्वक कार्य करते हुए अपनी कार्य दक्षता बढाने के उपाय बताये गए।
    अल्प विराम कार्यक्रम में अपर आयुक्त श्री नरोत्तम भार्गव ने कर्मचारियों से कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 की चुनौती हम सबके सामने है। हम सब इस चुनौती का पूरी हिम्मत के साथ कार्य करते हुए अपने शहर को स्वच्छता में अव्वल लायेंगे। अपने कार्य के साथ-साथ अपने जीवन को सुखी और आनंदमयी बनाने हेतु भी हम प्रतिदिन अल्पविराम कर अपना जीवन सुखमयी बनाए रखेंगे।
    कार्यक्रम में राज्य आनंदम संस्थान की ओर से मास्टर ट्रेनर इंजीनियर श्री एके शर्मा, श्री हेमन्त त्रिवेदी, योग प्रशिक्षक श्रीमती जूली सेंगर एवं श्री बुधौलिया ने कर्मचारियों को तनाव कम करने एवं व्यस्त रहते हुए भी किस प्रकार अपने जीवन में क्रोध और तनाव को कम कर सकते हैं, इस बारे में जानकारी दी।
    अल्पविराम कार्यक्रम के सभी प्रतिभागियों ने इस प्रकार के आयोजन को लेकर काफी सराहना की तथा यह भी कहा कि यह कार्यक्रम उनके व्यक्तिगत जीवन एवं कार्यक्षेत्र में प्रभावकारी होगें। यह कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित होते रहना चाहिए। जिससे हम सभी को अच्छे ढंग से एवं पूर्ण कार्यक्षमता के साथ कार्य करने की प्रेरणा मिलती रहे एवं हम अपने कार्य के साथ जीवन में आनंद प्राप्त कर सकें। प्रतिभागियों ने बताया कि इस प्रकार का आलौकिक कार्यक्रम पहली बार हुआ है। आगे भी होते रहना चाहिए।




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