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शुक्रवार, 13 दिसंबर 2019

देशी खाद बनी आमदनी का जरिया "खुशियों की दास्ताँ"

इन्दौर | 13-दिसम्बर-2019
 



 

 

 


   

  

  वर्मी कम्पोस्ट यानी गोबर में केचुए मिलाकर बनाई जाने वाली देशी खाद से इंदौर संभाग के धार जिले के किसानों की आय के स्रोत में वृद्धि हुई है। बतौर धार कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने 2002 में यह कार्य शुरू कराया था, जिससे 2006 तक नेशनल रूरल लाईवली हुड मिशन के तहत 500 से भी ज्यादा समूहों के अंतर्गत जिले के 1500 से अधिक हितग्राही लाभान्वित हुये।  यहा लोगों ने मवेशी पालने के साथ-साथ उनके गोबर से देशी खाद बनाई और अपनी आय में वृद्धि की। उल्लेखनीय है कि बतौर संभागायुक्त श्री आकाश त्रिपाठी ने पुन: यह कार्य शुरू कराया है तथा धार कलेक्टर श्री श्रीकांत बनोट को इस कार्य को आगे बढ़ाने के  निर्देश दिये है।


खाद वितरण केन्द्र का ‍किया शुभारंभ

    गत दिवस धार जिले की प्रभारी मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने वर्मी कम्पोस्ट खाद वितरण केन्द्र का शुभारंभ गरीबों की आमदनी में बढ़ोत्तरी की शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि भले ही यह स्थानीय प्रशासन का प्रयास हो लेकिन इससे गरीब मवेशी पालकों, कृषि धारियों को होने वाले फायदे को दखते हुये इसे मध्यप्रदेश सरकार अधिग्रहित कर पूरे प्रदेश में लागू करने का प्रयास करेगी।
      जिला पंचायत में वर्मी कंपोस्ट का काम देख रहे सहायक परियोजना अधिकारी अजय निरखे के अनुसार  जिला पंचायत के मार्फत  वर्ष 2002-03 में वर्मी कंपोस्ट यानी गोबर से देशी खाद बनाने का काम शुरू हुआ था। शहर का नाम धार और इसे धारा नगरीय कह जाने के अनुसार धारा डेक्लपमेंट एजेंसी के नाम से वर्मी कंपोस्ट जैविक खाद का वितरण किया जा रहा है। इनके बैग पर साफ लिखा है कि यह जिला पंचायत धार के उपक्रम धारा डेवलपमेंट एजेंसी का उत्पाद है। 50 किलो के बैग की कीमत 300 रूपये तथा पांच किलो बैंक की कीमत 30 रूपये रखी गई है। फिलहाल जिले भर में काम कर रहे 5-6 समूहों से 62 क्विंटल जैविक खाद वितरण केन्द्र पर रखा गया है, जबकि आने वाले दिनों में जैविक खाद का प्रचलन बढ़ जायेगा। इसके लिये जिला पंचायत के माध्यम से वर्मी कंपोस्ट का प्रचार किया जायेगा, जिसमें रासायनिक खाद से होने वाले नुकसान के बारे में भी जानकारी दी जायेगी।




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