धार जिले में राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस मनाया गया - Vidisha Times

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

बुधवार, 25 दिसंबर 2019

धार जिले में राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस मनाया गया

धार | 25-दिसम्बर-2019
 



 

    राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस धार जिले में भी मनाया गया। इस अवसर पर जिले की धरमपुरी तहसील मुख्यालय पर स्थित कृषि उपज मंडी परिसर में राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस का कार्यक्रम मंगलवार को आयोजित किया गया। क्षेत्रीय विधायक श्री पांचीलाल मेड़ा तथा जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष श्री पी.एस. पाटीदार द्वारा मॉं सरस्वती का पूजन कर तथा महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण कार्यक्रम का षुभारंभ किया।
    क्षेत्रीय विधायक श्री मेड़ा ने इस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि  उपभोक्ताओं को बाजार से कोई भी खाद्य पदार्थों व अन्य सामग्री क्रय करते समय सामग्री व वस्तुओं के संबंध में अच्छी तरह से जाँच पड़ताल कर लेना चाहिए कि उक्त वस्तु या सामग्री असली या नकली हैं वएक्सपाइरी डेट की तो नहीं हैं। उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरुक होना चाहिएं। उपभोक्ता जागरूक होगा तो दुकानदार उसे ठग नहीं पाऐंगा। श्री मेड़ा ने कहा कि प्रदेष सरकार खाद्य पदार्थो के मिलावटी की रोकथाम के लिए अभियान चलाया गया हैं। इस अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा हैं। इसके अच्छे परिणाम भी सामने आ रहें हैं।
    जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष श्री पी.सी. पाटीदार ने इस कार्यक्रम के उद्देष्य पर विस्तार से प्रकाष डालते हुए कहा कि उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम का उद्देश्य त्रुटिपूर्ण वस्तुओं, सेवाओं में कमी तथा अनुचित व्यापार प्रचलनों जैसे विभिन्न प्रकार के शोषणों के खिलाफ उपभोक्ताओं को प्रभावी सुरक्षा उपलब्ध कराना है। ये दिन इसलिए मनाया जाता है ताकि उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा सके। उपभोक्ताओं को शोषण से बचाने के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-1986, 24 दिसंबर 1986 को लागू किया गया था। इसके बाद इस अधिनियम में 1991 तथा 1993 में संशोधन किये गए। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को अधिकाधिक कार्यरत और प्रयोजनपूर्ण बनाने के लिए दिसंबर 2002 में एक व्यापक संशोधन लाया गया और 15 मार्च 2003 से लागू किया गया। परिणामस्वारूप उपभोक्ता संरक्षण नियम, 1987 में भी संशोधन किया गया और 5 मार्च 2004 को अधिसूचित किया गया। भारत सरकार ने उपभोक्ता के हितों की रक्षा करने तथा उनके अधिकारों को बढावा देने के उद्देश्य से उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम कानून बनाया था। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 यह अधिनियम उन सभी उपभोक्ता के अधिकारों को सुरक्षित करता है जिनको अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किया गया। इस अधिनियम के अनुसार उपभोक्ता अधिकारों को बढ़ावा देने और संरक्षण देने के लिए केंद्रीय, राज्य एवं जिला स्तरों पर उपभोक्ता संरक्षण परिषद स्थापित किए गए है। सुरक्षा का अधिकार जीवन के लिए नुकसानदेह, हानिकारक वस्तुाओं और सेवाओं के खिलाफ संरक्षण प्रदान करना हैं। सूचना का अधिकार उपभोक्ता द्वारा अदा की गई कीमतों, सेवाओं की गुणवत्ता, मात्रा, वजन और कीमतों की जानकारी रखना चाहिए ताकि व्यापारी द्वारा  उपभोक्ता को ठगा नहीं जा सके।
    उन्होंने कहा कि यह विधेयक उपभोक्ताओं के हित के संरक्षण तथा उनसे जुड़े विवादों का समय से प्रभावी निपटारा करेगा। उपभोक्ता संरक्षण विधेयक पुराने उपभोक्ता संरक्षण कानून 1986 की जगह लेगा। इसका उद्देश्य भ्रामक विज्ञापनों, डिजिटल लेनदेन और ई-कॉमर्स से जुड़ी समस्याओं को बेहतर तरीके से दूर करके उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना है। इस विधेयक में यह प्रावधान है कि यदि कोई निर्माता या सेवा प्रदाता झूठा या भ्रामक प्रचार करता है जो उपभोक्ता के हित के खिलाफ है तो उसे दो साल की सजा और 10 लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है। अपराध दोहराये जाने पर जुर्माने की राशि 50 लाख रुपये तक और कैद की अवधि पांच साल तक हो जायेगी।
    इस कार्यक्रम को नगरपालिका अध्यक्ष श्री शब्बीर पहलवाल, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मनावर श्री सत्यनारायण दर्रों ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में जिला आपूर्ति अधिकारी श्री आर.सी. मीणा ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम का संचालन श्री षर्मा ने किया तथा आभार सहायक आपूर्ति अधिकारी श्री मंसाराम कलमे ने व्यक्त किया। 
    इस कार्यक्रम में सहायक आपूर्ति अधिकारी श्री अनुराग वर्मा, सुश्री सुनीता मेश्राम, श्री विनीत मिश्रा, श्री सुगंध जैन, श्री राजेश वर्मा, शालिनी राठौड़ और नगर के गणमान्य नागरिक व पत्रकारगण व नगरवासी उपस्थित थे।



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

VIDISHA TIMES