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शुक्रवार, 13 दिसंबर 2019

गौ-वंश के संरक्षण और संवर्धन के लिये जिले में 31 गौ-शालाओं का निर्माण जारी "खुशियों की दास्तां"

छिन्दवाड़ा | 13-दिसम्बर-2019
 



 

 

 

     गौ-वंश के संरक्षण और संवर्धन के साथ ही उनकी समृध्दि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की प्राथमिकता में शामिल है तथा इस तारतम्य में पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजना के अंतर्गत गौ-शालाओं का निर्माण किया जा रहा है। इसी कड़ी में कलेक्टर डॉ.श्रीनिवास शर्मा और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री गजेन्द्र सिंह नागेश के मार्गनिर्देशन में छिन्दवाड़ा जिले के सभी 11 विकासखंडों में भी मनरेगा योजना के अंतर्गत गौ-शालाओं के लिये स्थल चिन्हित कर 31 गौ-शालाओं का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। साथ ही जिले में म.प्र.गौ-संवर्धन बोर्ड में पंजीकृत पूर्व से संचालित 4 गौ-शालाओं में निवासरत 2081 गौ-वंशों के संरक्षण और संवर्धन का कार्य भी किया जा रहा है। इन कार्यों से जिले में गौ-वंशों के माध्यम से आय के अन्य स्त्रोत विकसित करने के लिये गौ-शाला में गोबर के कंडे, अगरबत्ती, गोबर खाद और केंचुआ खाद का निर्माण किया जायेगा जिनके विक्रय से गौ-शाला संचालन समिति/एन.जी.ओ. अथवा एस.आर.एल.एम. के महिला स्व-सहायता समूहों को अतिरिक्त आय अर्जित होगी और वे आर्थिक रूप से सुदृढ बन सकेंगे।
      उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें डॉ.एच.जी.एस.पक्षवार ने बताया कि मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजना के अंतर्गत मनरेगा के अंतर्गत गौ-शालाओं का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसमें जिले के विकासखंड छिन्दवाडा में 2, मोहखेड में एक, अमरवाडा में 2, हर्रई में 4, सौंसर में 3, पांढुर्णा में 3, चौरई में 5, बिछुआ में 3, परासिया में एक, तामिया में 4 और जुन्नारदेव में 3 स्थलों का चयन कर लिया गया है। चिन्हित स्थलों में से 14 स्थानों पर नींव स्तर तक, 6 स्थानों पर दीवार स्तर तक और 11 स्थानों पर छत स्तर तक कार्य पूर्ण हो चुका है तथा शेष निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। ये निर्माण कार्य ग्राम पंचायत द्वारा निर्मित संचालन समिति द्वारा किये जा रहे है। गौ-शाला संचालित करने के इच्छुक एन.जी.ओ. अथवा एस.आर.एल.एम. के महिला स्व-सहायता समूहों के मध्य एम.ओ.यू. कर उनके माध्यम से भी गौ-शाला का संचालन किया जायेगा। राज्य शासन द्वारा गौ-शालाओं में स्थित गौ-वंश के आहार के लिये प्रति पशु प्रतिदिन 20 रूपये का प्रावधान किया गया है जिससे गौ-वंश के पालन-पोषण की सुदृढ़ व्यवस्था हो सकेगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिले में म.प्र.गौ-संवर्धन बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत क्रियाशील 4 गौ-शालाओं में 998 गाय, 197 सांड, एक बैल और एक साल से कम आयु के 385 बछड़े-बछिया का पालन-पोषण किया जा रहा है। इस गौ-वंश से स्थानीय रोजगार और अतिरिक्त आर्थिक आय के प्रयास भी किये जा रहे है।
 



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