खण्डवा | 09-दिसम्बर-2019 |
किसान भाईयों वर्तमान समय में मौसम की प्रतिकूलता के कारण गेहूं फसल में जड़ माहू एवं अन्य भूमिगत कीटो के प्रकोप की संभावना या कहीं-कहीं पर प्रभाव देखने में आ रहा होगा। उपसंचालक कृषि श्री आर.एस. गुप्ता ने बताया कि गेहूं फसल में भूमिगत कीट व जड़ माहू के गेहूं फसल पर प्रभाव से नियंत्रण के लिए सर्वप्रथम अपने खेत में प्रतिदिन सतत् निगरानी रखें। जड़ माहू कीट हल्के पीले से गहरे पीले रंग का होता है, जो कि जड़ो का रस चूसता है, जिसके कारण पौधे की पत्तियॉ सूखने लगती है। साथ ही सूखे हुए पौधे को उखाड़ने पर जड़ो के आस-पास इस कीट की सक्रियता देखी जा सकती है। उपसंचालक कृषि श्री गुप्ता ने बताया कि जड़ माहू कीट के नियंत्रण के लिए एमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एस.एल. की 200-250 मी.ली. मात्रा 400-500 लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़कांव करें या थायोमेंथोक्साम 25 प्रतिशत डब्ल्यू.जी. 1 मी.ली. प्रति लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़कांव करें। जहां पर जड़ सड़न व पत्तियॉ सूखने की शिकायत हो वहां पर मैकोजेब एवं कार्बनडाजिम का मिश्रण 3 ग्राम प्रति लीटर पानी के साथ स्प्रे करें तथा थोड़ा सिंचाई का अंतराल बढ़ावे। साथ ही गेहूं की खड़ी फसल में दिमक या अन्य भूमिगत कीट का प्रकोप हो वहां पर खड़ी फसल में क्लोरोपाइरीफॉस 25 ई.सी. का सिंचाई जल में उपयोग करें। अधिक प्रभाव की स्थिति में अपने निकटतम वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय में सम्पर्क करें। |
सोमवार, 9 दिसंबर 2019

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गेहूं फसल के लिए किसान भाईयों को उपयोगी सलाह
गेहूं फसल के लिए किसान भाईयों को उपयोगी सलाह
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