राजगढ़ | 11-दिसम्बर-2019 |
कोई भी बंदी जन्म से अपराधी नहीं होता है। क्रोध, भाव, आवेश, अज्ञानता, बदलें की भावना के कारण अपराध घटित हो जाते है और जिसके कारण उन्हें जेल में रहना पड़ता है किंतु जेल में निरूद्ध बंदियों को भी मानव अधिकार उपलब्ध है, मानव अधिकारों के उल्लंघन होने पर मानव अधिकार आयोग में शिकायत की जा सकती है। जेल में निरूद्ध बंदियों को भी गरिमामय जीवन जीने का अधिकार है। मानव अधिकारों में बंदियों के प्रति व्यवहार में उनकी जाति, संप्रदाय, लिंग, भाषा, धर्म या किसी देश या राष्ट्र की नागरिकता के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाना चाहिये। बंदियों को सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक गतिविधियों में सहभागीता करने का अधिकार है। साथ ही बंदियों को निःशुल्क विधिक सहायता प्राप्त करने, मुलाकात का अधिकार, मारपीट एवं प्रताड़ना के खिलाफ शिकायत करने का अधिकार, व्यक्तिगत सुनवाई का अधिकार, धर्म पालन का अधिकार, उपचार का अधिकार प्रदान किया गया है। उक्त बात गत दिवस जिला जेल में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान श्री शेख सलीम द्वारा कही गई। कार्यक्रम में विशेष अतिथि श्री डी.पी. सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा, कि बंदियों को न्यायालयीन प्रक्रिया की जानकारी नहीं होती है, जिसके कारण न्यायलयीन प्रक्रिया के दौरान कई प्रक्रमों पर अपने अधिकारों से वंचित हो जाते है, इसलिये अपने प्रकरणों के विचारण के दौरान न्यायालयीन प्रक्रिया के प्रत्येक चरण के संबंध में विस्तृत जानकारी होना आवश्यक है, ताकि वास्तव में ऐसे बंदियों को सही न्याय मिल सकें। अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस की शुभकामनायें देते हुये बंदियों की समस्याओं को सुना एवं उन्हें विधिक जानकारी दी गई साथ ही प्रतिमाह जेल निरीक्षण के दौरान भी अपनी बात रखने के संबंध में प्रेरित किया गया। कई बंदियों के द्वारा कार्यक्रम के दौरान अपने प्रकरणों के संबंध में चर्चा भी की गई। जिला संयोजक, मानव अधिकार आयोग, श्री लाखनौद ने भी इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस मनाने का उद्देश्य और भूमिका पर प्रकाश डालते हुये कहा, कि जन्म के साथ ही प्रत्येक व्यक्ति को मानव अधिकार उपलब्ध हो जाते है। हमारे भारत के संविधान में मौलिक अधिकारों के रूप में मानव अधिकारों को सम्मिलित किया गया है। सामाजिक न्याय केन्द्र अशासकीय स्वयं सेवी समूह के अधिवक्ता, श्री नवीन कुमार गौतम, अधिवक्ता, श्री विष्णु सिंह पंवार ने बंदियों को मानव अधिकारों एवं उनके हनन पर उपचार के संबंध में प्रोजेक्टर के माध्यम से विस्तृत रूप से समझाया गया और विधिक जानकारी उपलब्ध कराई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं विशेष अतिथियों के अलावा प्रशिक्षु न्यायाधीशगण, राजगढ़ मानव अधिकार आयोग की जिला इकाई के सदस्य, श्री आर.सी. शर्मा, श्री कल्लू खॉ कुरैषी, पैरालीगल वॉलेंटियर, श्री विक्रम वर्मा, सहायक जेल अधीक्षक, श्री प्रवीण मालवीय व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजगढ़ के अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन, श्री फारूक अहमद सिद्दीकी, जिला विधिक सहायता अधिकारी द्वारा किया गया एवं आभार प्रदर्षन जेल अधीक्षक, श्री विकास सिंह ने माना। |
बुधवार, 11 दिसंबर 2019

Home
Unlabelled
जेल में निरूद्ध बंदियों को भी है गरिमामय जीवन जीने का अधिकार - द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजगढ़
जेल में निरूद्ध बंदियों को भी है गरिमामय जीवन जीने का अधिकार - द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजगढ़
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Post Bottom Ad
Responsive Ads Here
Author Details
Templatesyard is a blogger resources site is a provider of high quality blogger template with premium looking layout and robust design. The main mission of templatesyard is to provide the best quality blogger templates which are professionally designed and perfectlly seo optimized to deliver best result for your blog.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें