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शनिवार, 7 दिसंबर 2019

कृषि विभाग कि किसान भाईयों को सलाह "खेती-किसानी"

गुना | 07-दिसम्बर-2019
 



 

 

 


   


     उप संचालक किसान कल्‍याण तथा कृषि विकास श्री अशोक कुमार उपाध्‍याय द्वारा जिले के किसान भाईयों सलाह दी गई है कि पूरी गेहूं फसल अवस्‍था में प्रति हेक्‍टेयर 5 बेग यूरिया का ही उपयोग किया जाए। इससे अधिक मात्रा का उपयोग न करें। गेहूं फसल बोनी के 20 से 25 दिन के अंदर प्रथम सिंचाई पर 20 से 25 कि.ग्रा. (आधा कट्टा) यूरिया एक बीघा में (सिंचाई के दूसरे दिन पौधों पर ओस न होने पर) टॉप ड्रेसिंग करें तथा गेहूं फसल बोने के 45 दिन बाद दूसरी सिंचाई उपरांत 20 से 25 कि.ग्रा. (आधा कट्टा) (सिंचाई के दूसरे दिन पौधों पर ओस न होने पर) यूरिया का टॉप ड्रेसिंग करें। ओस की अवस्‍था में यूरिया का उपयोग करने पर पत्तियों के जलने की संभावना रहती है। इसलिए ओस की अवस्‍था में यूरिया का उपयोग न करें। यूरिया उपयोग करने के उपरांत भी यदि गेहूं फसल पीली दिखती है। तो वह भूमि में जिंक की कमी की वजह से है। इस हेतु चिलिटेड जिंक 100 ग्राम प्रति एकड़ पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें।
    उन्‍होंने चने की फसल में यूरिया का उपयोग बिल्‍कुल भी नही करने की सलाह दी है। यूरिया का उपयोग करने से चने की फसल में वानास्‍पतिक वृद्धि होती है। परंतु उपज कम हो जाती है। चना फसल कमजोर दिखाई देने पर एन.पी.के. 19:19:19 जल में घुलनशील उर्वरक जो कि एक कि.ग्रा. के पैक में उपलब्‍ध है, इसका दो कि.ग्रा. प्रति हेक्‍टेयर 100 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें।
    उन्‍होंने जिले के किसान भाईयों से अनुरोध किया है कि किसान भाई यूरिया न मिलने की चिंता न करें। जिले में उनकी मांग अनुसार निरंतर यूरिया उपलब्‍ध कराया जाएगा। किसान भाई आवश्‍यकता अनुसार ही यूरिया उठाव करें। जिले के सातों डबल लॉक केन्‍द्रों पर यूरिया की निरंतर उपलब्‍धता बनी हुई है। जिले में 1273 मे.टन यूरिया विपणन संघ के केन्‍द्रों पर उपलब्‍ध है। जिसे किसानों को वितरण किया जा रहा है। जिले में उत्‍तम यूरिया की दूसरी रेक 10 दिसंबर को लगेगी। जिससे जिले को 1500 मे.टन यूरिया प्राप्‍त होगा तथा 20 दिसंबर 2019 को फिर एक रेक यूरिया की जिले में लगेगी। जिससे 3000 मे.टन यूरिया प्राप्‍त होगा। एनएफएल प्‍लांट विजयपुर से 700 मे.टन यूरिया प्रतिदिन सडक मार्ग से जिले को प्राप्‍त हो रहा है। जिले में यूरिया की मांग अनुसार पर्याप्‍त उपलब्‍धता है। घबराहट में अनावश्‍यक रूप से यूरिया का भण्‍डारण नहीं करें। साथ ही कृषक भाई अभी प्रथम सिंचाई के समय आवश्‍यक यूरिया ही खरीदें। दूसरी सिंचाई हेतु बाद में पुन: यूरिया खरीदें।





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