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रविवार, 15 दिसंबर 2019

लोक अदालत ने बिछड़े परिवारों में सुलाह कराई (खुशियों की दास्तां)

मुरैना | 15-दिसम्बर-2019
 



 

     शनिवार को आयोजित हुई राष्ट्रीय लोक अदालत में बिछड़े परिवारों में आपसी सुलाह कराकर उनका गृहस्थ जीवन जोड़कर उन्हें खुशी-खुशी घर भेजा। शनिवार को प्रधान न्यायाधीश श्री सतीशचन्द्र शर्मा द्वारा परिवार न्यायालय में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें हिन्दू विवाह संबधी 17 मामले, और इनसे उत्पन्न हुये 39 भरण-पोषण संबंधी मामलों का निराकरण हुआ, जिनमें 11 दम्पतियों का पुनर्मिलन कराया गया। जिसमें पति-पत्नि ने एक-दूसरे को माला पहनाकर व मिठाई खिलाकर वैवाहिक कार्यवाही को पुनर्स्थापित किया और अदालत से ही उन्हें साथ-साथ खुशी-खुशी उन्हें अपने घर भेजा गया। दत्पतियों का जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री प्रकाश चन्द्र गुप्ता और सतीश चन्द्र द्वारा उपहारस्वरूप पौधे भी प्रदान किये गये तथा सुखद दाम्पत्य जीवन की शुभकामनायें दी गई।
    जिन 11 मामलों में दम्पतियों का पुनर्मिलन हुआ है, उनमें से श्रीमती रूपाली बनाम संतोष उपाध्याय का घरेलू विवाद लम्बे समय से चल रहा था। इसके अतिरिक्त ओंकरदत्त बनाम श्रीमती ममता का भी मामला अत्यधिक विवादस्तपद रहा, क्योंकि इसमें उभयपक्ष करीब 20 वर्ष से पृथक-पृथक रह रहे थे। इस मामले में उभयपक्ष अवसाद की स्थिति में थे, जिनसे उभयपक्ष को बाहर निकाला गया। परिवार न्यायालय के पीठासीन अधिकारी श्री सतीश चन्द्र शर्मा को जिला न्यायाधीश एवं खण्डपीठ के अन्य सदस्यों द्वारा उभयपक्ष को अलग-अलग एवं साथ-साथ समझाकर आपसी सुलाह करके निष्कर्ष तक पहुंचाने में सहायता प्रदान की गई।



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