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मंगलवार, 3 दिसंबर 2019

पहले जो जिस कारोबार में नौकर था आज, बन गया उसी का मालिक (सफलता की कहानी)

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दतिया | 24-नवम्बर-2019
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    दतिया नगर के रहने वाले सोनू प्रजापति पहले जिस चाट बनाने के व्यवसाय में दिहाड़ी मजदूर थे, आज वह उसी व्यवसाय के मालिक बनकर रोजाना दो कामगारों को काम दे रहे हैं। सोनू ने जब से चाट भंडार की दुकान शुरू की है, उनके धंधे में नफा बढ़ा है और उनके जीवन की तस्वीर ही बदल गई है।
    चाट बनाने की एक दुकान पर दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करने वाले सोनू ने चाट की दुकान का मालिक बनने का जो सपना वर्षो पहले देखा था, वह सरकार की आर्थिक मदद से हकीकत में तब्दील हो चुका है। दिहाड़ी मजदूरी के रूप में होने वाली कम आमदनी से निजात पाने के लिए वह स्वयं की दुकान होने का सपना देखा करते थे, जो उन्हें सच होने में टेढ़ी खीर लग रहा था। अपने सपने को हकीकत में बदलने की तरकीब सोचते-सोचते काफी समय बीत गया।
    आखिरकार जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति दतिया से संपर्क करने पर मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत दो लाख दस हजार रूपये के अनुदान समेत सात लाख रूपये की ऋण राशि से सोनू ने चाट की दुकान शरू की, तब से हालात बदलने शुरू हुए। चाट दुकान के व्यवसाय में जम चुके सोनू ना केवल बैंक ऋण की किस्तें अदा कर रहे हैं, बल्कि उससे हुई कमाई से एक मकान खरीद लिया है। अब वह चाट बनाने वाले व्यवसाय के जाने पहचाने व्यवसायी बन चुके हैं।
    वह दतिया शहर के राजगढ़ चौराहे पर आगरा चाट भंडार नाम से चाट की दुकान लगाते हैं। वह शादियों में चाट के साथ-साथ खाना बनाने का ठेका भी लेते हैं। उनके यहां पानी की टिक्की, आलू की टिक्की, दही बड़ा, करेला बनता है। उनके यहां की बने आलू की टिक्की एवं दही बड़े बहुत मशहूर हैं। उनकी चाट का स्वाद ऐसा है कि लोग उनकी बनी चाट पार्सल में घरों में ले जाते हैं। वह आज अपने भविष्य को लेकर निश्चिंत हैं।
    अपने चाट निर्माण व्यवसाय से प्रसन्न सोनू मुस्कुराते हुए कहते हैं, '' पहले दूसरों की चाकरी करते थे, लेकिन आज स्वयं व्यवसाय के मालिक के तौर पर काम कर रहे हैं। यह सब सरकार की आर्थिक मदद से आत्मनिर्भर बनकर हुआ है।'' दतिया के प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी अंत्यावसायी श्री हरेन्द्र सिंह कुशवाह कहते हैं,'' जिला अंत्यावसायी सहकारी समिति ने स्वरोजगार के लिए वित्तीय सहायता देकर वाकई तमाम जरूरतमंदों की किस्मत बदल दी है।''




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