पशुपालन से होने वाली अतिरिक्त आय, किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाती है - कलेक्टर जो दुग्ध समितियां कार्य नहीं कर रहीं है उन्हें पुनः प्रारम्भ करने के प्रयास करें, पशु पालकों की बैठक आयोजि - Vidisha Times

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बुधवार, 11 दिसंबर 2019

पशुपालन से होने वाली अतिरिक्त आय, किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाती है - कलेक्टर जो दुग्ध समितियां कार्य नहीं कर रहीं है उन्हें पुनः प्रारम्भ करने के प्रयास करें, पशु पालकों की बैठक आयोजि

आगर-मालवा | 11-दिसम्बर-2019
 



 

 

 


   

 

    उज्जैन दुग्ध सहकारी संघ एवं पशुपालन विभाग आगर के संयुक्त तत्वाधान में कलेक्टर श्री संजय कुमार की अध्यक्षता में पशु पालकों की बैठक सम्पन्न हुई। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित इस बैठक में पशुपालन विभाग के उपसंचालक डा.एस.व्ही.कोसरवाल, जिला पंजीयक श्री गौड़ एवं उज्जैन दुग्ध संघ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डा.साहू, प्रबंधक सांची दुग्ध डेयरी श्री मनोहर सोनी सहित दुग्ध समितियों के सदस्य उपस्थित थे।  
    बैठक को कलेक्टर ने सम्बोधित करते हुए जिले की दुग्ध समितियों से आए प्रगतिशील पशुपालकों से दुग्ध उत्पादन बढ़ाने हेतु आधुनिक तरीकों का समावेश करने को कहा गया। उन्होंने कहा कि जिले में पशुपालन में विकास की अपार संभावनाए है, प्रगतिशील पशुपालक एवं उन्नत कृषक दुग्ध आधारित उद्योग स्थापित करने हेतु आगे आएं। दुग्ध ईकाइयां लगाकर एक सफल व्यक्ति के रूप में अपनी पहचान बनाकर, दूसरों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने। उन्होंने कहा कि जिले के किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन को भी बढ़ावा देकर एक अच्छी आय प्राप्त कर सकते है। पशुपालन से होने वाली अतिरिक्त आय किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाती है। किसानों के लिए पशुपालन, मधुमक्खी पालन, उद्यानिकी आदि अतिरिक्त आमदनी के साधन होते हुए, जो उनके लिए विपरित परिस्थितियों में लाभदायक होते है तथा उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर नहीं बनने देते है। कलेक्टर ने उपस्थित पशुपालकों को आगामी वर्ष में कम से कम 25 प्रतिशत दुग्ध उत्पादन में वृद्वि हेतु प्रयास करने को कहा गया। पशुपालन को लाभ का धन्धा बनाने हेतु लागत में कमी करने का बताते हुए पशुपालन को पेशेवर तरीके से अपनाने हेतु कहा गया।
    कलेक्टर ने कहा कि मालवी एवं देशी नस्ल के पशुओं के दूध में ए-2 प्रोटीन होने से यह दूध काफी लाभदायक एवं कीमती है। उन्होंने दुग्ध संघ से मुख्य कार्यपालन अधिकारी को मालवी नस्ल के दूध का अलग से पेकेजिगं एवं मार्केटिंग की जाकर पशुपालक को उसका अधिकतम मूल्य दिए जाने को कहा गया। उन्होंने निर्देश दिए कि जिले में जो दूग्ध समितियां कार्य नहीं कर रहीं हें उन समितियों को पुनः प्रारम्भ करने के प्रयास करें एवं जो ग्राम छूटे हुए वहां नवीन समितियों का गठन करने को कहा गया। साथ ही राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के महिला स्वसहायता समूह के सदस्यों को जोड़ा जाकर नए मिल्क रूट तैयार करने के निर्देश दिए।
    बैठक में पशु पालन विभाग के उप संचालक ने पशुपालकों को पशुउपचार की सुविधा हेतु टोल फ्री नम्बर 1962 की जानकारी देते हुए कहा कि पशुपालक अपने पशुओं के उपचार हेतु टोल-फ्री नम्बर पर जानकारी देकर उपचार करवा सकते है।




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