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सोमवार, 16 दिसंबर 2019

सिंगरौली में पर्यावरण संरक्षण की अनुठी पहल बना बर्तन बैंक (खुशियों की दास्तां) प्लास्टिक के थाली गिलास का सही विकल्प बना बर्तन बैंक

सिंगरौली | 16-दिसम्बर-2019
 



 

     प्लास्टिक तथा थरमाकोल से बने थाली, गिलास, कटोरी आदि का उपयोग सामूहिक भोजन तथा सार्वजनिक सहभोजों में किया जाता है। इनसे एक ओर तो घातक रसायन भोजन करने वाले पेट में पहुंचकर हानि पहुंचाते हैं दूसरी ओर प्लास्टिक तथा थरमाकोल कचरा पर्यावरण को हानि पहुंचाता है। शासन द्वारा एक बार  उपयोग में आने वाले प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिए निर्देश दिये गये हैं। एक बार उपयोग में आने वाला प्लास्टिक पर्यावरण के लिए घातक है। सिंगरौली जिले में प्लास्टिक तथा थरमाकोल से बनी थाली, गिलास एवं अन्य बर्तनों का उपयोग रोकने के लिए बर्तन बैंक बनाया गया है। नगर निगम द्वारा 200 व्यक्तियों के भोजन के लिए स्टील के गिलास, चम्मच, कटोरी आदि बर्तनों का बैंक बनाया गया है। इस बैंक से आमजनता को नि:शुल्क बर्तन दिये जा रहे हैं।
    पर्यावरण संरक्षण कि इस अनुठी पहल के संबंध में नगर निगम आयुक्त शिवेन्द्र सिंह ने बताया कि शहर में प्रतिदिन निकलने वाले कचरे में भारी मात्रा में प्लास्टिक तथा थरमाकोल के बर्तन होते हैं। विवाह तथा अन्य समारोह से निकलने वाले कचरे में इनकी मात्रा सर्वाधिक होती है। इस कचरे से पर्यावरण को हानि पहुंच रही थी इसे रोकने के लिए नगर निगम ने लोगों को जागरूक किया। नगर के समाजसेवियों के सहयोग से नगर निगम ने बैढ़न में माजन मोड़ के पास शिव मंदिर के बगल में बर्तन बैंक बनाया है। इसमें अभी 200 व्यक्तियों के लिए भोजन के लिए बर्तन के सेट उपलब्ध है। शीघ्र ही इसमें 500 लोगों के लिए बर्तन सेट उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इससे सार्वजनिक समारोहों तथा सहभोज के लिए नि:शुल्क बर्तन दिये जा रहे हैं। इस पहल से लोगों को साफ-सुथरे बर्तनों में भोजन मिलेगा। प्लास्टिक तथा थरमाकोल बर्तनों पर होने वाला खर्च बचेगा। प्लास्टिक एवं थरमाकोल बर्तनों का उपयोग न होने से नगर की स्वच्छता बरकरार रहेगी।



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