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रविवार, 5 जनवरी 2020

आदिवासी वर्ग के शैक्षणिक विकास के लिये छात्रवृत्ति वितरण व्यवस्था का सरलीकरण किया

सीहोर | 05-जनवरी-2020
 



 

     प्रदेश में आदिवासी वर्ग के शैक्षणिक विकास के लिये छात्रवृत्ति वितरण व्यवस्था का सरलीकरण किया गया है। इस व्यवस्था के अंतर्गत आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा अब पेपरलेस तरीके से एमपीटास (MPTASS) सॉफ्टवेयर के माध्यम से छात्रवृत्ति ऑनलाइन वितरित करना आरंभ किया गया है। पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति योजना में इस व्यवस्था से इस वर्ष 7 हजार 674 शिक्षण संस्थाओं के 2 लाख 76 हजार 163 विद्यार्थियों को करीब 200 करोड़ की छात्रवृत्ति उनके बैंक खातों में पेपरलेस तरीके से एमपीटास (MPTASS) साफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन वितरित की गई है।
      प्रदेश के 16 लाख 69 हजार 437 आदिवासी विद्यार्थियों को प्री-मेट्रिक छात्रवृत्ति योजना का लाभ दिया गया है। इन विद्यार्थियों के बैंक खातों में 136 करोड़ की छात्रवृत्ति राशि ट्रांसफर की गई है। आदिवासी विद्यार्थियों को उच्च अध्ययन के लिये विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति का लाभ दिलाया जाना भी सुनिश्चित किया गया है। वर्ष 2019 में इस योजना में 7 विद्यार्थियों को 82 लाख की छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई गई।
     कोचिंग व्यवस्था- आदिवासी वर्ग के युवा देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश पा सकें, इसके लिये उन्हें जे.ई.ई., नीट, क्लैट, (JEE, NEET, CLAT) की प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिये राज्य शासन ने निरूशुल्क कोचिंग की व्यवस्था की है। वर्ष 2019 में 800 विद्यार्थियों की कोचिंग पर 14 करोड़ 50 लाख रूपये खर्च किये गये।
     कन्या शिक्षा परिसर-   जनजाति वर्ग की बालिकाओं की शिक्षा और साक्षरता वृद्धि के लिये भी प्रयास शुरू किये गये हैं। इसके लिये प्रदेश में 82 कन्या शिक्षा परिसर संचालित किये जा रहे हैं। प्रत्येक परिसर की सीट क्षमता 490 है। इस वर्ष परिसर संचालन के लिये करीब 61 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
शिक्षा परिसरों और गुरूकुलम का उन्नयन-   प्रदेश में इस वर्ष केन्द्र के सहयोग से 9 कन्या शिक्षा परिसरों और 4 गुरूकुलम आवासीय विद्यालयों का एकलव्य विद्यालय में उन्नयन किया गया है। प्रदेश में संचालित 12 एकलव्य आवासीय विद्यालयों में ऑडिटोरियम निर्माण के लिये 18 करोड़ से अधिक राशि मंजूर की गई है। प्रदेश में 13 नये एकलव्य विद्यालय खोले गये हैं। विभाग द्वारा संचालित प्रत्येक हाई स्कूल को 2 लाख और प्रत्येक हायर सेकण्ड्री स्कूल को 5 लाख की राशि अधोसंरचना के विकास के लिये जारी की गई है। विभाग के 119 हायर सेकण्ड्री स्कूलों में से 36 में नवीन शाला भवनों के निर्माण और शेष स्कूलों में अतिरिक्त कक्षों के निर्माण के लिये 118 करोड़ की राशि जारी की गई है। इसी के साथ 43 भवनविहीन छात्रावासों में भवन निर्माण के लिये 91 करोड़ 65 लाख की राशि जारी की गई है।



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