पन्ना | 10-जनवरी-2020 |
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एल.के. तिवारी बताया है कि राष्ट्रीय जनजाति स्वास्थ्य अनुसंधान (NIRTH-ICMR) जबलपुर द्वारा जिला दमोह, जबलपुर, कटनी, मण्डला, नरसिंहपुर, पन्ना, सतना, सिवनी, सिंगरौली एंव उमरिया से स्क्रम टाइफस बीमारी के पॉजीटिव प्रकरण रिपोर्ट किये गये है। पन्ना जिले में ग्राम गुछारा सामु.स्वा. केन्द्र अजयगढ़ में स्क्रम टाइफस बीमारी का एक केश दर्ज किया गया हैं। स्क्रम टाइफस बीमारी ओरिएंटा सुसुगामुशी नामक बेक्ट्रिया से होती हैं यह बीमारी संक्रमित घुन (Mite) एवं चूहा आदि (Field Mice Rodent) से होती हैं। मनुष्यों मे यह बीमारी संक्रमित घुन (Mite) के लार्वा (Larva)के काटने से होती है। परन्तु मनुष्य से मनुष्य मे यह बीमारी नही फैलती है। बीमारी का मृत्यु दर 30 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि स्क्रम टाइफस बीमारी में संक्रमित लार्वा के काटने के स्थान दाना उठता है जो बाद में जख्म बन कर सूखने पर काला धब्बे के सामान दिखने लगता है साथ ही बुखार सिरदर्द जोड़ एवं मॉस पेशियों में दर्द प्रकाश से असहनीयता (Photophobia) सूखी खासी एक सप्ताह उपरान्त शरीर (पेट एवं हांथ पैरों ) पर दाने(Macopapular Rash) कुछ प्रकरणों मे निमोनिया मष्तिक ज्वर एवं हृदय संबंधी बीमारी होती है। बीमारी के लक्षण दो सप्ताह तक ही पाये जाते है। एवं इसका Incubation Period एक से तीन सप्ताह का होता है। एलाईजा टेस्ट वेलफैलिक्स टेस्ट एवं गोल्डन टेस्ट द्वारा Scrub Typhus की पुष्टि की जाती है। बीमारी की पुष्टि करने हेतु नमूने का परिक्षण करने के लिए सुविधा अखिल भारतीय आयु विज्ञान संस्थान भोपाल एंव आई.सी.एम.आर. जबलपुर में उपलब्ध है। स्क्रम टाइफस बीमारी के उपचार हेतु औषधि Doxycycline, Tetracycline, Azithromycine and Chloramphenicol का उपयोग किया जाता है। स्क्रम टाइफस बीमारी की रोकधाम एवं बचाव के लिए सुझाव संक्रमति घुन "Mite" से बचाव हेतु शरीर पर लगाने वाली क्रीम-रिपेलेन्ट (Repellent- Benzyl benzoate, Dimethyl Phathoate, Dibutyl Pathalate, Diethyl- m tolumide, Dimethyl Carbamate, Ethyl Hexanediol)का उपयोग की जाती है। खेत जंगल झाडियों में जब भी जायें पूरे कपडे़ पहन कर जाये तथा शरीर के खुले स्थान पर घुन के काटने से बचाव के लिए उपयोग किसी भी क्रीम का उपयोग कर सकते है। प्रभावित क्षेत्रो के घांस-फूस एवं झाड़ियों पर बैठे या सोये नही तथा घर के आस-पास की घास-फूस एवं झाड़ियों को काट कर जला देवें। शरीर को साबुन से धोये और मोटे कपडे से रगडकर साफ करे। उपयोग किये गये कपडो को गर्म पानी से धोये। |
शुक्रवार, 10 जनवरी 2020

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जूनोटिक रोग स्क्रब टाइफस बीमारी से बचने की सलाह
जूनोटिक रोग स्क्रब टाइफस बीमारी से बचने की सलाह
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