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रविवार, 12 जनवरी 2020

मनिहारी व्यवसाय ने बदल दी तकदीर (सफलता की कहानी)

दतिया | 12-जनवरी-2020
 



 

 

 

   


    मनिहारी एवं जनरल स्टोर सामग्री के व्यवसाय से हो रही कमाई सरोज के लिए कमाऊ धंधा बन गई है और इसने उनकी दुनिया बदल दी है।
    दतिया जिले के तिलेरा की रहने वाली सरोज की यह तब की बात है, जब उनके दिन अच्छे नहीं गुजर रहे थे। परिवार की आमदनी पर्याप्त नहीं थी। परिवार को अच्छी स्थिति में लाने के लिए सरोज चिंता में डूबी रहती थीं। उन्हें सहारे की जरूरत थी।
    सरोज को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार के ग्रामीण आजीविका मिशन ने सहारा दिया। ग्रामीण आजीविका मिशन ने स्वसहायता समूह बनाकर सरोज को मनिहारी एवं जनरल स्टोर सामग्री व्यवसाय के लिए ग्राम संगठन से 15 हजार रूपये की आर्थिक मदद दिलवाई। उन्हें तकनीकी मार्गदर्शन भी दिया गया। इस वित्तीय मदद से सरोज ने मनिहारी एवं जनरल सामग्री का सामान लेकर छोटे स्तर पर व्यवसाय शुरू कर दिया।
    घर से शुरू हुआ यह छोटा-सा कारोबार सरोज को अच्छी कमाई देने लगा। जिस काम को उन्होंने 15 हजार रूपये की अल्प पूंजी से शुरू किया था, आज वही अच्छी कमाई के फलते-फूलते कारोबार में तब्दील हो गया है। इस व्यवसाय ने सरोज के परिवार की जिंदगी बदल दी है।
    सरोज अपने व्यवसाय से आमदनी बढ़ाने के लिए मनिहारी एवं जनरल स्टोर का सामान लेकर गांव-गांव लगने वाले हाट-बाजारों में बेचने भी जाती हैं। गांव-गांव जाने से मेहनत तो है, लेकिन उन्हें अच्छी कमाई हो जाती है। यह व्यवसास उनके लिए आजीविका का आकर्षक साधन बन गया है। उन्होंने मोवाइल भी खरीद लिया है और उसी पर आर्डर भी लेती हैं।
    अपने व्यवसाय से खुश सरोज कहती हैं, ‘‘ पहले घर से बाहर नहीं निकल पाते थे। लेकिन आज समूह से जुड़कर अपने व्यवसाय के सिलसिले में हाट-बाजारों तक में जाने लगे हैं। ग्रामीण आजीविका मिशन की जिला परियोजना प्रबंधक श्रीमती संतमती खलको कहती हैं कि स्वसहायता समूह ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में काफी फायदेंमंद साबित हो रहे हैं।  




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