अनुपपुर | 10-जनवरी-2020 |
राज्यपाल श्री लालजी टंडन की अध्यक्षता में राजभवन के सांदीपनि सभागार में 13 जनवरी को अखिल भारतीय शास्त्रार्थ सभा का आयोजन किया गया है। सभा में विद्जन व्याकरण शास्त्र, साहित्य शास्त्र, न्याय शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र पर शास्त्रार्थ करेंगे। राजभवन की वेबसाइट पर पंजीयन कराकर निमंत्रण-पत्र प्राप्त किए जा सकते हैं। राज्यपाल के सचिव श्री मनोहर दुबे ने बताया कि उज्जैन की शास्त्रार्थ परंपराओं को पुनर्जीवित एवं उन्मुखीकरण करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश के राजभवन में महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा अखिल भारतीय शास्त्रार्थ सभा का आयोजन किया जा रहा है। व्याकरण शास्त्र अंतर्गत शब्दनियत तत्व व विषय पर शास्त्रार्थ होगा, जिसमें पीठाध्यक्ष पूर्व प्राचार्य राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान भोपाल के प्रोफेसर आजाद मिश्रा होंगे। इसमें दिल्ली के प्रोफेसर राम सलाही द्विवेदी, वाराणसी के डॉक्टर बृजभूषण ओझा, उज्जैन के डॉक्टर अखिलेश द्विवेदी और डॉक्टर संकल्प मिश्रा भाग लेंगे। साहित्य शास्त्र में मम्मटाभिमत काव्य लक्षण विषय पर शास्त्रार्थ होगा। पीठाध्यक्ष कुलपति विक्रम विश्वविद्यालय प्रोफेसर बालकृष्ण शर्मा होंगे। इसमें तिरुपति के प्रोफेसर विरुपाक्ष जड्डीपाल, सोमनाथ गुजरात के डॉक्टर पंकज रावल, उज्जैन के प्रोफेसर मनमोहन उपाध्याय, डॉ तुलसीदास परौहा और डॉक्टर पूजा उपाध्याय भाग लेंगे। न्याय शास्त्र में परमाणु वाद विषय पर शास्त्रार्थ होगा, जिसके पीठाध्यक्ष संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के कुलपति प्रोफेसर राजाराम शुक्ल होंगे। इस शास्त्रार्थ में हैदराबाद तेलंगाना के श्री जे. सूर्यनारायण, तिरुपति आंध्र प्रदेश के श्री जे.निवास, उज्जैन के डॉक्टर संदीप शर्मा और श्री अमित शर्मा भाग लेंगे। शास्त्रार्थ सभा में ज्योतिष शास्त्र में काल तत्त्व विमर्श विषय पर शास्त्रार्थ होगा। पीठाध्यक्ष राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान भोपाल के आचार्य प्रोफ़ेसर हंसधर झा होंगे। इसमें ज्वाला देवी हिमाचल प्रदेश के डॉक्टर विजय कुमार शर्मा, जम्मू एवं कश्मीर के डॉक्टर निगम पांडे, तिरुपति आंध्र प्रदेश के डॉक्टर कृष्ण कुमार भार्गव, उज्जैन के डॉक्टर उपेन्द्र भार्गव, शुभम शर्मा भाग लेंगे। सचिव श्री मनोहर दुबे ने बताया कि भारतवर्ष में प्राचीन काल से ही अध्ययन-अध्यापन की विशिष्ट पद्धति रही है। अध्येताओं तथा गुरुजनों द्वारा विविध शास्त्रीय विषयों पर शास्त्रार्थ सभाओं का आयोजन होता रहा है। शास्त्रार्थ सभाओं में विवादित विषयों पर पूर्व पक्ष तथा उत्तर पक्ष की शास्त्रीय प्रमाणिक उप-स्थापन के द्वारा सिद्धांत की बहू मान्य प्रतिष्ठा की जाती है। भारतवर्ष के अनेक स्थल शास्त्रार्थ के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इनमें मिथिला, काशी, उज्जयिनी तथा कांची आदि प्रमुख हैं। महर्षि याज्ञवल्क्य तथा उनकी धर्मपत्नी मैत्रेयी गार्गी, अष्टावक्र, जगद्गुरु शंकराचार्य तथा मंडन मिश्र एवं उनकी धर्मपत्नी भारती के मध्य शास्त्रार्थ आज भी लोक विख्यात है। महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा काशी के महा पंडितों के साथ किया गया शास्त्रार्थ लोक विख्यात है। प्राचीन समय में कुंभ मेले में धर्म सभाओं का आयोजन किया जाता रहा है, जो आज भी प्रचलित है। इन धर्म सभाओं में भी विवाद ग्रस्त विषयों पर शास्त्रीय संदर्भों के माध्यम से समाधान प्रस्तुत करने के लिए शास्त्रार्थ का आयोजन होता है। महाराज विक्रमादित्य, महाराजा भोज, महाराजा कृष्ण देव राय आदि के राज दरबार में शास्त्रार्थ सभाओं के आयोजन की जानकारी मिलती है। |
शुक्रवार, 10 जनवरी 2020

Home
Unlabelled
राजभवन में विभिन्न राज्यों के विद्वान करेंगे शास्त्रार्थ
राजभवन में विभिन्न राज्यों के विद्वान करेंगे शास्त्रार्थ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Post Bottom Ad
Responsive Ads Here
Author Details
Templatesyard is a blogger resources site is a provider of high quality blogger template with premium looking layout and robust design. The main mission of templatesyard is to provide the best quality blogger templates which are professionally designed and perfectlly seo optimized to deliver best result for your blog.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें