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शुक्रवार, 10 जनवरी 2020

राष्ट्रीय फाइलेरिया दिवस का शुभारंभ आज से कराया जाएगा फाइलेरिया रोधी दवा (डी.ई.सी एवं एलवेन्डाजोल) का सेवन

पन्ना | 10-जनवरी-2020
 



 

 

 


   

    मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एल.के. तिवारी ने बताया है कि गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी राष्ट्रीय फाइलेरिया दिवस (16वां एम.डी.ए.)  कार्यक्रम 11 जनवरी 2020 से जिले में आयोजित किया जाना है जिसमें दो वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को सामूहिक रूप से फाइलेरिया रोधी दवा (डी.ई.सी एवं एलवेन्डाजोल) का सेवन कराया जाना है। केवल गर्भवती माताओं, अतिवृद्ध और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को फायलेरिया रोधी दवा का सेवन नही कराना है। पन्ना जिले में मॉप अप राउंड 12 जनवरी एवं 13 जनवरी 2020 को आयोजित होगा। जिसमें दवा सेवन से छूटे हुये लोगों को पुनः घर-घर जाकर दवा सेवकों द्वारा अपने सामने दवा सेवन कराया जावेगा। जिले में दो वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों की अनुमानित संख्या 1072705 है। जिन्हें यह दवा खिलाने के लिये लगभग तीन हजार नौ सौ दवा सेवक एवं तीन सौ नब्बे सुपरवाइजर की ड्यूटी लगाई गयी है।
     उन्होंने बताया कि पन्ना जिले में फायलेरिया के 1613 मरीज पंजीकृत है। जिनमें से 875 मरीज अण्डकोस में सूजन या हाईड्रोसिल और 738 मरीज हॉथी पांव या लिम्फेडिमा के है। जिले में 17 हाईरिस्क ग्राम/नगर है जिनमें से सबसे ज्यादा 09 ग्राम अजयगढ़ में है। हाईरिस्क ग्राम/नगरों में इस वर्ष विशेष अधिकारियो की ड्यूटी लगाई जावेगी। सम्पूर्ण जिले में ग्राम अभ्युदय दलों के माध्यम से 100 प्रतिशत दवा सेवन का लक्ष्य रखा गया है। जिसकी सफलता नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, शासकीय सेवकों, स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग पर निर्भर है। प्रदेश में फायलेरिया बीमारी की दृष्टि से जिले का स्थान छतरपुर के पश्चात दूसरे क्रम पर है।
    उन्होंने बताया कि फायलेरिया बीमारी गन्दे पानी में/नालियो। में पनपने वाले संक्रमित मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होती हैं। यदि सात से आठ वर्ष तक सभी लोग फाइलेरिया की दवा का वर्ष में एक वार सेवन करें तो फाइलेरिया बीमारी के नये प्रकरणो को प्रकट होने से रोका जा सकता है। यह दवा एक तरह से टीका है जो कि एक वर्ष तक फायलेरिया के कृमि से सुरक्षा देती है। फाइलेरिया की दवा डी.ई.सी. और अल्वेन्डाजोल का उम्र के अनुसार सेवन करने पर कोई भी दुष्प्रभाव नही होते यह पूर्ण रूप से  सुरक्षित दवा है केवल ऐसे लोग जिनके शरीर मे फायलेरिया के कृमि पहले से ही मौजूद होते है उन्हे इस गोली को खाने से हल्का बुखार आ सकता है। जो बिना किसी उपचार के स्वतः ठीक हो जाता है ऐसे लोगो को 12 दिन की दवा देना पडती है जिससे फायलेरिया का उपचार हो जाता है।
    उन्होंने पन्ना जिले के समस्त नागरिकों से अपील की है कि आपके घर में 11 से 13 जनवरी 2020 को स्वास्थ्य कार्यकर्ता पहुंचेगें। जिनमें आशा, ऑगनवाडी कार्यकर्ता और स्वयंसेवी सम्मिलित है। भोजन के पश्चात फायलेरिया रोधी दवा का सेवन इन्ही कार्यकर्ताओं के समक्ष अवश्य करें तथा अपने परिवार के सदस्यों की जानकारी प्रदान करें। जिससे कि पन्ना जिले को फायलेरिया बीमारी से बचाया जा सकें।




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