श्योपुर | 10-जनवरी-2020 |
मप्र सरकार द्वारा आदिवासी क्षेत्रों के विकास की दिशा में अनुकरणीय पहल की जा रही है। जिसके अंतर्गत महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी कदम उठाये जा रहे है। साथ ही सहरिया परिवारो के बच्चो की पढाई के लिए सोलर लाईट सिस्टम उपयोगी सिद्ध हो रहे है। जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के सुदुर गावं पनार, चन्दुपरा, सिरोनी एवं गाबचा की सहरिया बस्तीयो में जिला प्रशासन की पहल पर सोलर लाईट सिस्टम की सुविधा प्रदान की गई है। इस सुविधा के माध्यम से जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के चार गांवों में सोलर लाइट से सहरिया परिवार के बच्चे पढ़ाई के लिए रोशनी प्रदान की गई है। जिससे सहरिया परिवारो के बच्चे दूधिया रोशनी में पढकर अपने पढाई के स्तर में सुधार करने मे सहायक बन रहे है। कराहल विकासखण्ड के सुदूर वन क्षेत्र में बसे सहरिया बस्ती के सहरानों में बिजली की पर्याप्त सुविधा नहीं मिलने के कारण ग्राम पनार, चंदूपुरा, सिरोनी एवं बागचा के सहरिया परिवार की बस्तियों में रहने वाले छात्र अपने पालकों से सोलर लाइट सिस्टम लगवाने की जिद कर रहे थे। इसी बीच जिला प्रशासन की पहल पर मप्र उर्जा विकास निगम के माध्यम से इन चार गावों के घरों को रोशन करने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। जिला प्रशासन की पहल पर सोलर होम लाइट सिस्टम की व्यवस्था के अतंर्गत 200 रूपए के मान से एपीएल परिवारों को सोलर लाईट से रोशनी प्रदान की गई है। इसी प्रकार बीपीएल परिवारों को 100 रूपए के मान से अंशदान के रूप में राशि जमा कराने की सुविधा प्रदान की गई है। जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम पनार, चंदूपुरा, सिरोनी एवं बागचा के सहराने में सोर उर्जा पेनल सिस्टम लगने से अब सायं होते ही दूधिया रोशनी से घर रोशन हो रहे हैं। इस व्यवस्था को देखकर अन्य ग्रामों के लोग भी अपने घरों में इस सिस्टम को लगवाने के लिए आकर्षित हो रहे हैं। इन सहरिया बाहुल्य चार गावों के सहरानों के सहरिया परिवारों को सोेलर लाइट सांय 6 बजे से प्रातः 6 बजे तक चालू रहती है। इस सुविधा के अंतर्गत बैटरी को रिचार्ज करनें के लिये छत पर प्लेट लगायी गयी है। जो सूर्य की किरणों से बैटरी को चार्ज करती है। इसी कारण आदिवासी समुदाय के लोग इसे सूरज की लाईट भी पुकारते है। आदिवासी विकासखण्ड कराहल के चार गावों में सोलर लाईट लगने से सहरानें के बच्चें भी प्रफुल्लित हैं। साथ ही अपनी दूधिया रोशनी में पढाई करने में आगे बढ रहे है। जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम चंदूपुरा के छात्र काडू आदिवासी, सरजू, सोमनाथ ने बताया कि सोलर लाईन सिस्टम लगने से दूधिया रोशनी में पढने की सुविधा प्राप्त हुई है। हम रात में भी किताबे पढकर अपनी शिक्षा को आगे बढाने में सहायक बन रहे है। यह सब करिश्मा मप्र सरकार, जिला प्रशासन के माध्यम से हुआ है। |
शुक्रवार, 10 जनवरी 2020

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सहरिया परिवारो के बच्चो की पढाई में सहायक बन रही है सोलर लाईट "खुशियों की दास्तां"
सहरिया परिवारो के बच्चो की पढाई में सहायक बन रही है सोलर लाईट "खुशियों की दास्तां"
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