गुना | 10-जनवरी-2020 |
वनमण्डलाधिकारी सामान्य वनमंडल श्री रमेशचन्द्र विश्वकर्मा द्वारा दी गई जानकारी अनुसार वर्तमान में वन्यप्राणियों द्वारा फसल हानि के आवेदन वनमण्डल कार्यालय में प्राप्त हो रहे हैं एवं मुख्यमंत्री हेल्पलाईन पोर्टल 181 पर भी वन्यप्राणियों द्वारा फसल हानि संबंधी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। वन्यप्राणियों द्वारा फसल हानि के संबंध में लोक सेवा प्रबंधन विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 308-05-01-2010 दिनांक 24 सितंबर 2011 द्वारा लोक सेवा प्रबंधन विभाग के ज्ञाप. के माध्यम से मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 के तहत सेवा क्रमांक 4.6 में वन्यप्राणियों से फसल हानि का भुगतान हेतु यह सेवा राजस्व विभाग को सौंपी गई है। वन विभाग से यह योजना निर्धारित बजट मद 5828 सहित राजस्व विभाग को स्थानांतरित की जा चुकी है। अब वन विभाग द्वारा वन्यप्राणियों से हुई फसल हानि हेतु मुआवजा भुगतान के संबंध में कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। उन्होंने बताया कि भविष्य में वन्यप्राणियों से फसल की कोई हानि होती है तो फसल नुकसानी का मुआवजा राजस्व विभाग द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) मध्यप्रदेश द्वारा निर्देश दिये गये हैं कि वन्य प्राणियों से फसल हानि के प्रकरणों का निराकरण एवं भुगतान की कार्यवाही राजस्व विभाग के अधीन है। इसलिये वन्यप्राणियों द्वारा फसलहानि से संबंधित प्रकरण निराकरण एवं भुगतान हेतु संबंधित जिले के राजस्व अधिकारियों को ही भेजें। उन्होंने बताया कि जंगली सुअर एवं हिरण प्रजाति के वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम 1972 के तहत अनुसूची-3 का भाग है। वन्यजीवों को मारना, विष देना, हांका करना, शिकार करना या किसी भी प्रकार से वन्यजीव को क्षति पहुंचाना अथवा ऐसा करने का प्रयत्न करना वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम 1972 के तहत निषेद्ध है। जिसका उल्लंघन करने पर 3 वर्ष से 7 वर्ष तक की सजा एवं जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने कहा है कि ग्रामीणजन वन्यप्राणियों से फसल हानि की स्थिति में संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं तहसीलदार के कार्यालय में मुआवजा हेतु संपर्क करें। ताकि ग्रामीणजनों को फसलहानि की स्थिति में अनावश्यक असुविधा का सामना न करना पड़े एवं परेशान न होना पड़े। उन्होंने कहा है कि ग्रामीणजन वन्यजीवों को किसी भी प्रकार से क्षति न पहुंचायें एवं ग्रामीणजन ऐसा कोई कृत्य न करें जो वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम 1972 में उल्लेखित प्रावधानों के विपरीत हो। |
शुक्रवार, 10 जनवरी 2020

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वन्यप्राणियों से फसल नुकसानी का मुआवजा राजस्व विभाग द्वारा किया जाएगा - वनमण्डलाधिकारी
वन्यप्राणियों से फसल नुकसानी का मुआवजा राजस्व विभाग द्वारा किया जाएगा - वनमण्डलाधिकारी
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