: रामायण में एक चौपाई है, जाको प्रभु दारुण दुःख देन्ही, ताकी मति पहलेहि हर लेहीं ।
- कांग्रेस महासचिव मध्यप्रदेश के प्रभारी दीपक बाबरिया तीन दिन के लिए भोपाल आये थे, रायता फैला कर चले गए ।
प्रेस से बातचीत में कहा कि कोई महिला भी हो सकती है, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ।
उनका इशारा मीनाक्षी नटराजन की तरफ था ।
बाबरिया जी काफी लंबे समय से नटराजन को अध्यक्ष बनाने की जद्दोजहद कर रहे है ।
शायद वो भूल गए कि नटराजन जब एन एस यू आई की राष्ट्रीय अध्यक्ष थी ,उसके बाद कांग्रेस का छात्र आंदोलन घुटने के बल बैठ गया, इसी तरह युवक कांग्रेस की जब प्रदेश की अध्यक्ष बनी ,उसके बाद युवा आंदोलन का भट्ठा बैठ गया ।
आज जो देश भर में कांग्रेस में एन जी ओ पैटर्न चल रहा है,उसमे नटराजन मैडम की काफी सलाह मशविरा शामिल है ।
बाबरिया जी मध्य प्रदेश में कांग्रेस संगठन को हाईजैक कर चलाने की कोशिश तो कर ही रहे है,सरकार पर भी टीका टिप्पणी कर कार्यकर्ताओं को उद्धेलित कर रहे है।
बाबरिया जबरिया तरीका अख्तियार कर कांग्रेस को पलीता लगा रहे है,केवल बड़ी - बड़ी बातें करने से मकसद पूरे नही होते। नए - नए प्रयोग करने के आदी बाबरिया अभी भी पार्टी की बर्बादी की नब्ज नही समझ सके ।
किसी ने कहा है कि... " खूंटी में टँगे लोग, कुहनी से टिके लोग बरगद की बात करते है, गमले में उगे लोग। "
प्रभारी की भूमिका पर्यवेक्षक की हो ,मार्गदर्शक की हो तो ही ठीक रहता है,लेकिन उनका अति- उत्साह लोगो को विचलित तो कर ही रहा है,नेताओं को लेकर उनके द्वारा की जाने वाली टिप्पणियों से माहौल अंदर अंदर गरम हो चला है ।
मीनाक्षी मैडम को अध्यक्ष बनाने के पीछे बताते है कि उन्हें मैडम ने ही राहुल गांधी से कह कर प्रदेश का प्रभारी बनवाया था,तो अब ऋण उतारने का मौका मिला है,बाबरिया को ।
एक वरिष्ठ नेता की यह टिप्पणी मायने रखती है कि देश मे तो पार्टी का कोई माई बाप नही है,प्रदेश में भी बाबरिया कमोबेश वही स्थिति बनाने पर तुले है। उन्होंने कहा कि उनको सबको साथ लेकर चलना चाहिए,लेकिन उन्हें सवर्णो से नफरत है ,इसलिए ऐसा हो रहा है ।
सरकार की आलोचना केवल सिंधिया नही कर रहे है,बाबरिया भी तो कर रहे है ।
कुल मिलाकर प्रदेश का कांग्रेस जन इन्ही बातों को लेकर परेशान है ।
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