वंचितों को प्लॉट दिलाने की प्रक्रिया हुई तेज द्वितीय चरण में 17 सोसाइटी के लगभग 2000 प्लॉट का होगा वितरण, संभागायुक्त ने संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर दिए द्रुत गति से कार्य के निर्देश - Vidisha Times

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शनिवार, 29 फ़रवरी 2020

वंचितों को प्लॉट दिलाने की प्रक्रिया हुई तेज द्वितीय चरण में 17 सोसाइटी के लगभग 2000 प्लॉट का होगा वितरण, संभागायुक्त ने संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर दिए द्रुत गति से कार्य के निर्देश

इन्दौर | 29-फरवरी-2020
 



 

     संभागायुक्त श्री आकाश त्रिपाठी ने आज सहकारिता, राजस्व, नगर निगम और इंदौर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की बैठक ली। भू-माफ़ियाओं से प्लॉट दिलाने के द्वितीय चरण में 17 विभिन्न गृह निर्माण सहकारी समितियों से लगभग दो हज़ार प्लॉट दिलाए जाएंगे। संभागायुक्त श्री त्रिपाठी ने इसके लिए मार्च तक की समय-सीमा तय की है। इंदौर में आईफ़ा अवार्ड के दौरान या इसके तुरंत बाद इन प्लाट्स का वितरण किया जाएगा। संभागायुक्त श्री त्रिपाठी की निगरानी में यह कार्य और भी द्रुत गति से चलेगा।
    आज बैठक में श्री त्रिपाठी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के स्पष्ट निर्देश है कि इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा जाए। द्वितीय चरण के बाद तृतीय चरण के लिए कार्य की रूपरेखा अभी से बना लें। श्री त्रिपाठी ने आज समीक्षा में उपरांत बताया कि सुविधा गृह निर्माण समिति से 22 अमृतागृह निर्माण समिति से 97, जागृति गृह निर्माण सहकारी संस्था से 360 गीता नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था से 167, संतोषी माता संस्था से 150, कविता गृह निर्माण सहकारी संस्था से 08, क्लासिक गृह निर्माण सहकारी संस्था 300, सेंट्रल गवर्नमेंट हाउसिंग सोसाइटी से 102, नन्द गृह निर्माण सहकारी संस्था 463, विकास अपार्टमेंट गृह निर्माण सहकारी संस्था से 27 सहित कुल सत्रह विभिन्न सहकारी समितियों से लगभग 2000 प्लॉट दिलाए जाएंगे।
    आज बैठक में प्रशासन द्वारा अब तक की गई कार्यवाही की विस्तृत समीक्षा की गई। बैठक में अपर कलेक्टर श्री दिनेश जैन, इंदौर विकास प्राधिकरण के सीईओ श्री विवेक श्रोत्रिय, संयुक्त आयुक्त राजस्व श्रीमती सपना सोलंकी, संयुक्त आयुक्त सहकारिता जे.पी. कन्नौजे, उपायुक्त सहकारिता, श्री गजमिये, सहित समितियों की जांच के लिये नियुक्त एसडीएम, तहसीलदार, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग तथा नगर निगम के अधिकारी उपस्थित थे।
    बैठक में जागृति गृह निर्माण सहकारी संस्था की जाँच के लिए नियुक्त एसडीएम श्री प्रतुल सिन्हा ने बताया कि संस्था से सम्बंधित सदस्यों के लिए व्यापक तौर पर जनसुनवाई की गई थी। इसमें समूचे दस्तावेज़ प्राप्त हो चुके हैं। जिनका अध्ययन कर रिपोर्ट सौंपी जा रही है। संस्था में 169 प्लॉट्स ऐसे हैं जिनकी सिंगल रजिस्ट्री है, जबकि नब्बे प्लॉट्स ऐसे हैं जो 211 लोगों को बिके हैं। छानबीन के उपरांत 360 प्लॉट देने की स्थिति है। संस्था में व्यापक तौर पर गड़बड़ी भी सामने आयी है। सन-1981 में बनी इस समिति में हटाए गए और जोड़े गए सदस्यों के नाम स्पष्ट नहीं है। इसमें कार्य क्षेत्र के बाहर अन्य राज्यों में रहने वाले लोगों को भी सदस्य बना दिया गया है। गीता नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था में इंदौर विकास प्राधिकरण और सहकारिता से अनुमति प्राप्त हो चुकी है जबकि नजूल की अनुमति प्रक्रिया अधीन है। कर्मचारी गृह निर्माण संस्था में सीमांकन में विगत बैठक में दिए गए निर्देशों के बावजूद लापरवाही पाए जाने पर संभागायुक्त श्री त्रिपाठी ने संबंधित तहसीलदार  को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
   बैठक में संभागायुक्त श्री त्रिपाठी ने पुनः स्पष्ट किया कि नियमों के तहत प्लॉट आवंटन की कार्यवाही करें। पारदर्शिता सुनिश्चित रखें। अगर ग़लत तरीक़े से नामांतरण और रजिस्ट्री हुई है उनको निरस्त करने की कार्यवाही भी विधि सम्मत ढंग से की जाए। बैठक में यह तथ्य भी आया कि कुछ सहकारी समितियों में सदस्यों और समितियों के बीच विश्वास की डोर टूटने से विकास शुल्क जमा नहीं कराया जा रहा है। श्री त्रिपाठी ने कहा कि ऐसी स्थिति में नगर निगम संबंधित सदस्यों की बैठक बुलाए और उन्हें भरोसा दिलाया जाये कि विकास शुल्क जमा होने पर कार्य तेज़ी से संभव हो सकेगा। बैठक में बताया गया है कि रूपरेखा समिति द्वारा लगभग डेढ़ करोड़ रुपया नगर निगम में जमा भी कराए जा चुके हैं। कष्ट निवारक गृह निर्माण सहकारी संस्था में विभिन्न स्तरों पर न्यायालयीन विवाद चल रहा है इसमें कुछ मुद्दों का निराकरण होने से प्लॉट धारियों को प्लॉट मिल सकेंगे। संभागायुक्त ने सहकारिता विभाग को इसमें आर्बिट्रेटर बनकर निराकरण कराने के निर्देश दिए। संभागायुक्त श्री त्रिपाठी ने कहा की वरीयता सूची और पात्रता सूची का शुद्धिकरण अति आवश्यक है। यह कार्य द्रुतगति से हो और अपात्रों को हुई रजिस्ट्री निरस्त कराने की कार्यवाही भी की जाए। बैठक में उपस्थित राजस्व अधिकारियों द्वारा बताया गया कि अवैधानिक रूप से नोटरी बनाने वालों पर भी कार्यवाही होनी चाहिए। नोटरी के माध्यम गरीबों को मकान बेचे जाने के अनेक मामले आ रहे है।
 



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