नलजल योजना, हेण्डपंपों को क्षति पहुंचाने वालां पर करें एफआईआर -कलेक्टर श्रीमती मैथिल सागर का राजघाट इस बार नहीं करेगा निराश, पर्याप्त पेयजल उपलब्ध, अत्यंत आवश्यक होने पर ही पेयजल का परिवहन सुनिश्चित करें, पेयजल संबंधी समीक्षा बैठक संपन्न - Vidisha Times

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सोमवार, 2 मार्च 2020

नलजल योजना, हेण्डपंपों को क्षति पहुंचाने वालां पर करें एफआईआर -कलेक्टर श्रीमती मैथिल सागर का राजघाट इस बार नहीं करेगा निराश, पर्याप्त पेयजल उपलब्ध, अत्यंत आवश्यक होने पर ही पेयजल का परिवहन सुनिश्चित करें, पेयजल संबंधी समीक्षा बैठक संपन्न

सागर | 02-मार्च-2020
 



 

 

 

   
  

  नलजल योजना, हेण्डपंपों को क्षति पहुंचाने वालां पर एफआईआर कर क्षति पहुंचाने वालों से ही हुए नुकसान की वसूली भी करें उक्त निर्देश जिले की पेयजल संबंधी समीक्षा बैठक में कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने नये कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में दिए। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री सीएस शुक्ला, नगर निगम आयुक्त श्री आरपी अहिरवार सहित जिले के समस्त एसडीएम, समस्त निकायों के सीईओ, सीएमओ, पीएचई, सिंचाई विभाग एवं विद्युत मण्डल के अधिकारी उपस्थित थे।
    उन्होंने कहा कि सागर का राजघाट इस बार निराश नहीं करेगा, क्योंकि इस बार पर्याप्त वर्षा होने के कारण राजघाट बांध में आज की स्थिति में 512 मीटर पानी उपलब्ध है और यह पानी 30 जून तक सागर वासियों की प्यास बुझाने में सक्षम होगा। उन्होंने कहा कि अतिगंभीर जलसंकट होने की स्थिति में ही पेयजल का परिवहन सुनिश्चित करें।
   उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में जितनी भी नलजल योजनाएं एवं हेण्डपंपों की स्थिति की अद्यतन जानकारी लेते हुए निर्देश दिए कि इसके बाद कहीं भी पेयजल संकट नहीं होना चाहिए और यदि होता है तो इसके लिए संबंधित क्षेत्र के सीईओ, सीएमओ एवं पीएचई विभाग के अधिकारी उत्तरदायी होंगे। जल संकट की स्थिति निर्मित होने के पूर्व ही उसके निराकरण हेतु प्रयास किए जाएं एवं कार्ययोजना बनाकर मेरे समक्ष प्रस्तुत किए जाए। उन्होंने कहा कि जिले की नल जल योजनाएं यदि बंद है तो उसके कारण जैसे विद्युत अवरोध (ट्रांस फार्मर खराब), पंप खराब, अतिरिक्त पाईप लाईन जोड़ना, नलकूप में पानी की स्थिति, नलकूप में पानी की स्थिति का अध्ययन की किस माह तक पानी की आपूर्ति की जा सकेगी, सूखे बोरिंग की संख्या और परिवहन की स्थिति का आकलन सही तरीके से किया जाए।
    उन्होंने कहा कि विगत वर्षां में पेयजल संकट से ग्रसित ग्रामों की स्थिति का भ्रमण कर  प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि जिस ग्राम में निजी बोरिंग के माध्यम से पेयजल व्यवसाय के रूप में उपलब्ध कराया जा रहा है। उनका निजीकरण कर पेयजल को आम जन के लिए उपलब्ध कराएं। उन्हांने समस्त अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि 15 दिवस के अंदर उनके अधीन अनुभाग के एक-एक हेण्डपंपों एवं नलजल योजना, कुआ, बावड़ी, तालाब, नहर की जानकारी नक्षा सहित प्रस्तुत करें।
    नगरीय क्षेत्र की समीक्षा करते हुए उन्होंने नगर निगम सागर की सीमा में प्रदाय की जाने वाली पेयजल की समीक्षा करते हुए आयुक्त नगर निगम से जानकारी ली। जानकारी में नगर निगम आयुक्त ने बताया कि राजघाट बांध में आज की स्थिति में 512 मीटर जल उपलब्ध है जो 30 जून तक के लिए पर्याप्त है। उन्होंने बताया कि इसी बांध से आरमी  एवं मकरोनिया नगर पालिका के लिए पेयजल सप्लाई किया जाता है एवं नगर में 18 बोर चालू हालात में है। साथ ही 225 हेण्डपंप चालू स्थिति में स्थापित है।
    कलेक्टर श्रीमती मैथिल ने आयुक्त नगर निगम एवं एसडीएम को निर्देश दिए कि राजघाट बांध से फसलों की सिंचाई करने वाले किसानों की मोटर पंप सहित पाईप जप्त कर उनको उन ग्राम पंचायतों को प्रदान करें जहां के मोटर पंप खराब है या बदलने की स्थिति में है। उन्होंने मकरोनिया के पेयजल की समीक्षा करते हुए सीएमओ  को निर्देश दिए कि यदि आवश्यकता हो तो तत्काल नलकूप खनन कराएं एवं खनन कराए गए नलकूपां में हेण्डपंपों को लगाएं जिससे पेयजल की बर्बादी नहीं हो सकेगी और यदि आवश्यकता हो तो उनमें मोटर पंप भी लगाएं।
    उन्होंने समस्त एसडीएम को निर्देश दिए कि पेयजल संकट की स्थिति से निपटने के लिए जनजागृति अभियान चलाएं जिसमें पानी रोको, पानी बचाएं के लिए जागरूकता हेतु रैलियों एवं स्लोगन के माध्यम से जागरूक करें।  




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