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रविवार, 1 मार्च 2020

शिक्षा, अध्यात्म और सामाजिक उत्थान की त्रिवेणी की पर्याय सुश्री कमला डेहरिया "खुशियों की दास्तां"

छिन्दवाड़ा | 01-मार्च-2020
 



 

    छिंदवाड़ा जिले के विकासखंड छिन्दवाड़ा के ग्राम जटलापुर की निवासी सुश्री कमला डेहरिया एक ऐसी बहुमुखी व्यक्तित्व की धनी है जो शिक्षा, अध्यात्म और सामाजिक उत्थान की त्रिवेणी की पर्याय है। महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और अन्य रचनात्मक गतिविधियों में जन सरोकार के कार्यों से सुश्री डेहरिया ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है तथा सेवानिवृत्ति के 11 साल बाद भी अत्यंत उमंग, उत्साह और ऊर्जा के साथ उनका यह रचनात्मक कार्य निरंतर जारी है। 
      जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिंगोडी से प्राचार्य के पद से वर्ष 2009 में सेवानिवृत्त सुश्री कमला डेहरिया एक शिक्षक के रूप में अपनी संपूर्ण सेवा के दौरान सामाजिक सरोकार के विभिन्न कार्य करती आई है। जिले के वरिष्ठ साहित्यकार एवं मार्गदर्शक स्व.श्री पं.रामकुमार शर्मा की प्रेरणा से सुश्री डेहरिया ने जहां संपूर्ण साक्षरता अभियान, अक्षर क्रांति और विचार गोष्ठियों के माध्यम से लगभग 4 हजार से अधिक निरक्षर व्यक्तियों को साक्षर कर उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य किया। सर्वोदय, गायत्री परिवार और स्वयं की प्रेरणा से उन्होंने ''''आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी'''' के अंतर्गत भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के माध्यम से लगभग 4 लाख छात्र-छात्राओं व महिला और पुरूषों को भारतीय संस्कृति से जोड़कर उन्हें संस्कारवान बनाने और गायत्री परिवार से जोड़कर आम जन को अखंड ज्योति के माध्यम से ज्ञान ज्योति विस्तार और अध्यात्म से जोड़कर उन्हें संस्कारित करने का कार्य किया है। सुश्री डेहरिया गायत्री परिवार के माध्यम से कम खर्च में संस्कारित रूप से निरंतर गरीब और असहाय कन्याओं का आदर्श विवाह करवा रही है तथा अभी तक 10 हजार  से अधिक जोड़ों का आदर्श विवाह संपन्न करा चुकी है जिसमें वर्ष 2019 में संपन्न 201 जोड़ों का आदर्श विवाह शामिल हैं। उन्होंने वर्ष 1996 में आंध्रप्रदेश के खम्मम जिले के एलेंदु शहर में आयोजित नारी जागरण, नशा उन्मूलन और नेत्र शिविर परीक्षण शिविर में सहभागिता की तथा वर्ष 2000 में आगरा और वर्ष 2002 में पटना में आयोजित एशियन कांफ्रेंस में कुष्ठ उन्मूलन शिविरों में भाग लेने के साथ ही 60 से अधिक कुष्ठ उन्मूलन शिविर आयोजित कर शिविरों में चिन्हित लगभग 25 कुष्ठ रोगियों का उपचार कराकर उन्हें स्वस्थ कराया। उन्होंने नारायण सेवा संस्थान में लगभग 20 दिव्यांग बच्चों को ले जाकर उनका उपचार कराने के साथ ही उन्हें कृत्रिम अंग दिलवाया।
      सुश्री कमला डेहरिया ने विभिन्न रचनात्मक और सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से उन्होंने छिन्दवाड़ा के साथ ही सिवनी, बैतूल, मंडला, बालाघाट, शहडोल, होशंगाबाद, हरदा आदि जिलों में जाकर महिलाओं को जागृत करने, कुष्ठ उन्मूलन, पल्स पोलियो निवारण और दिव्यांगों का सहयोग एवं उपचार के माध्यम से समाज के उपेक्षित व्यक्तियों की सहायता कर उन्हें समाज में उचित सम्मान दिलाने का कार्य किया। उन्होंने छिन्दवाडा जिले के हर्रई विकासखंड के लगभग 8 ग्रामों में नशामुक्ति अभियान चलाकर इन ग्रामों को नशामुक्त किया। साथ ही कैदियों में नैतिकता के भावों को जागृत  कर उनमें सामाजिक रूप से अच्छे कार्य कर सदमार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। उन्होंने कारगिल युध्द के दौरान राष्ट्र सेवा का भाव प्रदर्शित करते हुये राष्ट्रीय रक्षा कोष में 10 हजार रूपये की राशि भेजने के साथ ही भारतीय सीमा पर तैनात सैनिकों को रक्षा सूत्र भेजकर उनके साहस और उत्साह को बनाये रखने आदि में भी अपनी कार्यशैली का परिचय दिया है। जल संरक्षण और संवर्धन के क्षेत्र में सुश्री डेहरिया ने गायत्री परिवार के माध्यम से जिले के विभिन्न ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जल क्रांति यज्ञ करवाकर लोगो को जल संरक्षण के प्रति भी प्रेरित किया है। ‘अनश्वर सौंदर्य’, ‘नेता नहीं सृजेता बनें’, ‘एक बनेंगे’, ‘राष्ट्र समर्थ और सशक्त कैसे बने’, ‘महाविनाश से बचने के लिए प्रत्येक धर्मावलंबी इतना तो करें’ आदि आलेखों को विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशन के माध्यम से भी सुश्री डेहरिया ने अप्रत्यक्ष रूप से भी जनमानस और समाज में जनजागृति का कार्य किया है।
      वर्तमान में सुश्री डेहरिया गायत्री परिवार की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष, आओ गढें संस्कारवान पीढ़ी की जिला समन्वयक, डेहरिया समाज की महिला प्रकोष्ठ की प्रांतीय अध्यक्ष और जिला वरिष्ठ नागरिक मंच छिंदवाड़ा के महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष के पद पर रहते हुए सामाजिक उत्थान के कार्य कर रही हैं। सुश्री डेहरिया को मेहरा महासंघ द्वारा मेहरा महारत्न सम्मान 2018 और मेहरा समाज मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से भी सम्मानित किया गया है। सुश्री डेहरिया अपने रचनात्मक कार्यों में निरंतर कार्य कर समाज का उत्थान करना चाहती है तथा इसके लिये वे अपनी पूरी ऊर्जा और लगन के साथ कार्य कर रही है।
 



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