
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में 1 जनवरी से अब तक विभिन्न अत्याचार से पीडि़त अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों के 66 प्रकरणों में 87 लाख 25 हजार रूपये की सहायता राशि का भुगतान किया गया। इस आशय की जानकारी अपर कलेक्टर श्री आई.जे. खलखो की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में बुधवार को सम्पन्न हुई जिला सर्तकता एवं मानीटरिंग समिति की बैठक में दी गई। इस मौके पर जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण सर्वश्री कमलेश्वर सिंह, विशेष लोक अभियोजक एस.एल. कोष्टा, उप पुलिस अधीक्षक आरके शुक्ला, अजाक्स थाना प्रभारी सरला मिश्रा सहित समिति के सदस्य विनीत पाण्डेय, एडवोकेट पुष्पेन्द्र बागरी, संतोष चौधरी तथा अजय समुन्द्रें उपस्थित रहे।
अपर कलेक्टर श्री खलखो ने अत्याचार निवारण अधिनियम अंतर्गत विशेष न्यायालय में विचाराधीन एवं निराकृत मामलों की समीक्षा के दौरान प्रकरणों के निराकरण में प्रगति लाने के निर्देश दिए। उन्होने अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के अंतर्गत दर्ज अपराधों की अन्वेषण की स्थिति कम पाए जाने पर उप पुलिस अधीक्षक को चालान पेश कराए जाने हेतु निर्देशित किया। समिति के सदस्यों द्वारा सतना शहर के विभिन्न थानों में दर्ज मामलों को अजाक्स थाने को भेजे जाने, दोषियों की गिरफ्तारी कराने, मानदेय का भुगतान करने, हरिजन शब्द का उपयोग नही करने तथा महापुरूषों की खंडित प्रतिमाओं के स्थान पर नवीन प्रतिमाओं की स्थापना करने, लंबित जाति प्रमाण-पत्रों को शीघ्र बनाने तथा समिति के सदस्यों के परिचय-पत्र जारी करने की ओर समिति का ध्यान आकृष्ट कराया गया।
जिला सर्तकता एवं मानीटरिंग समिति की बैठक में जानकारी दी गई कि वर्ष 2020-21 में अत्याचार निवारण अधिनियम के अंर्तगत अत्याचार से पीडि़त अनुसूचित जाति के 54 प्रकरणों में 72 लाख 50 हजार रूपये तथा अनुसूचित जनजाति के 12 प्रकरणों में 14 लाख 75 हजार रूपये की राशि स्वीकृत कर उनके बैंक खातों में जमा कराई गई है। अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंर्तगत पीडि़तो के बैंक खातों में राशि का भुगतान किया जाता है। अत्याचार संबंधी घटनाओं में पीडि़त के नजदीकी थाने में अपराध पंजीकृत किये जाते हैं। एस.सी. एस.टी. एक्ट के मामलों की विवेचना संबंधित थाना क्षेत्र के एस0डी0ओ0पी0 द्वारा की जाती है। बैठक में बताया गया कि अत्याचार से पीडि़तो एवं उनके साक्षियों को न्यायालय द्वारा बुलाये जाने पर यात्रा भत्ता का भुगतान किया जाता है। अन्वेषण अधिकारी द्वारा बुलाने पर यात्रा भत्ता के रूप मे 16 पीडि़तों एवं उनके गवाहों को 530 रूपये यात्रा भत्ता तथा 16 व्यक्तियों को 3120 रूपये की मजदूरी और भरण-पोषण के लिये 16 व्यक्तियों को 1600 रूपये का भुगतान किया गया।
बैठक में जानकारी दी गई कि अत्याचार निवारण अधिनियम के अंर्तगत विशेष न्यायालय द्वारा प्रस्तुत हुये 459 प्रकरणों में 25 निर्णीत प्रकरण है, जिनमें 9 प्रकरणों में सजा और 11 प्रकरण में दोषमुक्त तथा 3 प्रकरणों में राजीनामा हुआ। अत्याचार निवारण अधिनियम के अंर्तगत दर्ज अपराधों के अन्वेषण की स्थिति में एस.सी. एस.टी. वर्ग के कुल 102 प्रकरण जून 2020 तक पंजीकृत हुये हैं। जिनमें 38 प्रकरणों में न्यायालय में चालान प्रस्तुत कर दिया गया है, शेष 64 प्रकरण विवेचना हेतु लंबित हैं। इसी प्रकार शिकायती आवेदन पत्रों में कुल प्राप्त 56 शिकायत पत्रों में से 19 शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है।
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