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बुधवार, 24 जून 2020

गांव में ही रोजगार मिलने से प्रसन्न प्रवासी श्रमिक भूपेंद्र सिंह (कहानी सच्ची है)

उमरिया | 24-जून-2020
 



 

    उमरिया जिले के करौंदा गांव निवासी युवा प्रवासी श्रमिक भूपेंद्र सिंह उत्तर प्रदेश के झांसी में ओव्हर ब्रिज एवं फ्लाई ओव्हर ब्रिज निर्माण कार्य में गैस कटर का काम करते थे। इस कार्य से उन्हें 12 हजार रूपये मासिक आय होती थी। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि चार वर्ष पहले वे झांसी गये थे जहां उन्हें निर्माण कार्य में गैस कटर एवं वेलडिंग मशीन संचालन का कार्य हेल्पर के रूप में शुरू किया। धीरे धीरे अनुभव एवं कार्य के आधार पर प्रमोशन मिल गया और मैं स्वतंत्र रूप से इस कार्य का संचालन करने लगा।
    कोरोना संक्रमण के दौरान लाक डाउन के कारण सभी निर्माण कार्य बंद हो गये। जिसके कारण रोजगार की समस्यां खडी हो गई। हमने घर वापसी का निर्णय लिया। मध्यप्रदेश सरकार के सहयोग से सरकारी बस के माध्यम से 7 मई 2020 को उमरिया वापस आया। यहां स्क्रीनिंग के पश्चात मुझे घर छोडने की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की गई।  14 दिन तक होम क्वारेंटाईन रहा । इस दौरान ग्राम पंचायत द्वारा सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई। लंबे समय तक लाक डाउन के दौरान प्रदेश सरकार के सहयोग से मुझे 50 किलो अनाज निशुल्क उपलब्ध कराया गया। इस दौरान पता चला कि प्रदेश सरकार ने प्रवासी श्रमिको को उनकी योग्यता के आधार पर रोजगार उपलब्ध करानें हेतु रोजगार सेतु पोर्टल के माध्यम से पंजीयन करा रही है। ग्राम पंचायत सचिव के माध्यम से हमने भी अपना पंजीयन पोर्टल में कराया। यह बताते हुए मैं बहुत प्रसन्न हूँ कि मुझे अपने गांव करौंदा में ही संचालित कपिल स्टोन क्रेसर में 6 हजार रूपये मासिक वेतन पर रोजगार मिल गया है। प्रदेश सरकार की इस पहल से हमारी समस्यां का निदान हो गया है। मैं प्रदेश सरकार एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने संकट की घडी में भी श्रमिकों का ध्यान रखा तथा उन्हें रोजगार उपलब्ध करानें की हर संभव पहल की।



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