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बुधवार, 30 सितंबर 2020

सम्पत्ति विरूपण अधिनियम का पालन सुनिश्चित कराने प्रत्येक थाने में लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता पदस्थ

रायसेन | 


भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा उप निर्वाचन 2020 के कार्यक्रम की घोषणा किए जाने के साथ ही जिले में आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हो गई है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री उमाशंकर भार्गव द्वारा मप्र सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम का पालन सुनिश्चित कराने के लिए तत्काल प्रभाव से प्रत्येक थाने में लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता पदस्थ किया गया है।
कलेक्टर श्री भार्गव द्वारा मप्र सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 की धारा-5 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए रायसेन जिले की सम्पूर्ण राजस्व सीमा क्षेत्र के अंतर्गत आदेश दिया गया है कि चुनाव प्रसार के दौरान यदि विभिन्न राजनैतिक दलों अथवा चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा किसी शासकीय कार्यालय एवं शासकीय भवन की दिवालों पर किसी भी प्रकार के नारे लिखकर विकृत किया जाता है, विद्युत एवं टेलीफोन के पोल पर झण्डियाँ लगाई जाती है अथवा ऐसे पोस्टर एवं बैनर लगाकर शासकीय सम्पत्ति को विकृत किया जाता है तो ऐसे पोस्टर एवं बैनर हटाने के लिए प्रत्येक थाने में लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता तत्काल प्रभाव से पदस्थ किया जाता है, इस दस्ते में लोक निर्माण विभाग के स्थाई गैंग के पर्याप्त संख्या में कर्मचारी पदस्थ रहेगें।
यह लोक सम्पत्ति सुरक्षा व्यवस्था दस्ता टी.आई. अथवा थाना प्रभारी के सीधे देखरेख में कार्य करेगा। इस दस्ते को सहयोग देने के लिए और स्थल पर जाकर कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिये संबंधित पुलिस थाने का एक उप निरीक्षक या सहायक उप निरीक्षक (पुलिस) मुख्यालय पटवारी या राजस्व निरीक्षक एवं स्थानीय निकाय के मुख्य कार्यपालन अधिकारी/मुख्य नगर पालिका अधिकारी या उसके द्वारा अधिकृत एक कर्मचारी की ड्यूटी लगाए जाने के आदेश संबंधितों को दिए गए हैं। साथ ही आवश्यकता होने पर लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ते को वाहन भी उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा दस्ते को लोक सम्पत्ति को विरूपण से बचाने के लिए सभी आवश्यक सामग्री जैसे-गेरूआ, पेंट, चूना, कूची, बाँस एवं सीढ़ी आदि उपलब्ध कराए जाने के आदेश दिए गए हैं। लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता निर्वाचन की समाप्ति तक टी.आई./थाना प्रभारी के सीधे देखरेख मे अपने कार्य क्षेत्रों में प्रतिदिन भ्रमण करते लोक सम्पत्तियों को विरूपित होने से रोकेगा।
यदि किसी राजनैतिक दल या चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी द्वारा किसी निजी सम्पत्ति को बिना उसके स्वामी के लिखित सहमति के विरूपित किया जाता है तो निजी सम्पत्ति के स्वामी द्वारा संबंधित थाने मे प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता निजी सम्पत्ति को निरूपित होने से बचाने की कार्यवाही करेगा एवं थाना प्रभारी संबंधित प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार पर विधिवत जाँच कर सक्षम न्यायालय मे चालान प्रस्तुत करेंगे।
इसी प्रकार केन्द्र/राज्य की समस्त शासकीय सम्पत्ति/अर्द्धशासकीय निकायों/संस्थाओं की शासकीय सार्वजनिक सम्पत्ति का विरूपण होने पर उसको तुरन्त नोटिस देने/कार्यवाही करने का अधिकार संबंधित विभाग के जिला/संस्था कार्यालय प्रमुख का होगा। सम्पत्ति को पूर्व स्थिति मे न लाने पर उक्त लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ते को सूचना देने एवं आवश्यक होने पर एफआईआर दर्ज कराने की जिम्मेदारी संबंधित विभाग के जिला/कार्यालय/संस्था प्रमुख या संबंधित अधिकारी/कर्मचारी की होगी। सम्पत्ति विरूपण मे केवल झण्डे, बैनर लगाना नहीं वरन शासकीय साईन बोर्ड पर पम्प्लेट चिपकाना भी शामिल है, चाहे राजनैतिक दल करें या कोई अन्य विज्ञापन कंपनी। इस बारे में भी संबंधित विभाग कार्यवाही करेगा। थाना प्रभारी लोक सम्पत्ति विरूपण से संबंधित प्राप्त शिकायतों को एक पंजी में पंजीबद्ध करेंगे तथा शिकायत की जाँच कर तथ्य सही पाये जाने पर प्रकरण दर्ज करेंगे एवं लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ते को आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित करेंगे। थाना प्रभारी उपरोक्त के संबंध में की गई कार्यवाही से संबंधित साप्ताहिक प्रतिवेदन वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से जिला निर्वाचन अधिकारी को भिजवाना सुनिश्चित करेगें। यह आदेश तत्काल प्रभाव से रायसेन जिले की सम्पूर्ण राजस्व सीमा क्षेत्र में निर्वाचन प्रक्रिया समाप्ति तक की अवधि के लिए प्रभावशील होगा।
उल्लेखनीय है कि निर्वाचन के दौरान विभिन्न राजनैतिक दलों एवं उनके अभ्यर्थियो द्वारा चुनाव प्रचार करने के लिये शासकीय/अशासकीय भवनों तथा सम्पत्तियों पर नारे लिखे जाते है एवं बैनर लगाये जाते है, पोस्टर चिपकायें जाते हैं तथा विद्युत एवं टेलीफोन के पोल पर चुनाव प्रचार से संबंधित झण्डिया/ बैनर लगाये जाते है। जिसके कारण शासकीय सम्पत्ति का स्वरूप विकृत हो जाता है। इस संबंध में शासन द्वारा मध्यप्रदेश सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 पारित किया गया है। मध्यप्रदेश सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 की धारा-3 में उल्लेख है कि कोई भी सम्पत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी भी सम्पत्ति को स्याही, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिखकर या चिन्हित करके उसे विरूपित करने पर जुर्माने से जो एक हजार रूपये तक का हो सकेगा दण्डनीय होगा। इस अधिनियम के अधीन दंडनीय कोई भी अपराध संज्ञेय होगा।



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