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सोमवार, 28 सितंबर 2020

सत्ते उर्फ सत्य नारायण को एक लाख का बंध पत्र एवं उतने का ही मुचलका अधिरोपित

शहडोल | 28-सितम्बर-2020
 



 

      कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट डॉ सत्येंद्र सिंह ने मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 5,6 एवं 7 के अंतर्गत सत्ते उर्फ सतनारायण पिता रामसनेही चतुर्वेदी उम्र 28 वर्ष निवासी वार्ड क्रमांक 2 केसरवानी पेट्रोल पंप के पास व्यौहारी जिला शहडोल को  एक लाख रूपये का बंधक पत्र एवं उतने ही राशि का मुचलका न्यायालय में पेश करने  तथा प्रत्येक माह संबंधित थाना में अनिवार्य रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के आदेश जारी करते हुए लेख किया है कि, यदि अनावेदक गंभीर आपराधिक कृत्यों में पाया जाता है तो उसके विरुद्ध मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी।
     ज्ञातत्य हो कि, सत्ते उर्फ सत्यनारायण द्वारा वर्ष 1994 से अपराधिक गतिविधियों में संलग्न हैं उसके द्वारा थाना क्षेत्र में अपने साथियों के साथ मिलकर थाना क्षेत्र में आम जनता के साथ मारपीट शांति भंग करने जैसे संगीन अपराधों का आदतन अपराधी बन चुका है, अनावेदक के विरुद्ध समय-समय पर अनेकों प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर वैधानिक कार्यवाही की गई है, इसके बावजूद अनावेदक  अपने साथियों के साथ मिलकर निरंतर अपराध घटित करते चला आ रहा है, अनावेदक के उक्त आपराधिक कृत्य से आम जनता के जीवन एवं संपत्ति की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है तथा जनता का स्वच्छंदता से रहना मुश्किल हो गया है, अनावेदक के कृत्यों से आम नागरिकों में भय एवं आतंक का वातावरण पैदा हो गया है, अनावेदक गरीब जनता एवं क्षेत्र में रहने वाले श्रमिकों में आतंक भय का वातावरण निर्मित कर शोषण करता रहा है अनावेदक की गतिविधियों पर नियंत्रण रखने हेतु समान्य प्रचलित कानूनों के अंतर्गत कड़ी कार्यवाही की गई, किंतु इसकी अपराधिक एवं आतंक फैलाने वाले कदमों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है एवं कोई भी सुधारात्मक परिणाम परिलक्षित नहीं हो रहा है, अनावेदक वर्ष 1994 से अब तक लगातार अपराधिक गतिविधियों में संलग्न है।
          पुलिस अधीक्षक शहडोल के प्रतिवेदन एवं अभियोजन साक्षी के कथन के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर मध्य प्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 8(1) के तहत अनावेदक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था कि उपरोक्त वर्णित अपराधों के परिपेक्ष्य में आपराधिक गतिविधियों में अंकुश लगाने व शांति सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने हेतु शहडोल जिला एवं निकटवर्ती जिला सीधी, सतना, उमरिया एवं अनूपपुर की सीमाओं से 1 वर्ष के लिए क्यों ना निष्कासित किया जाए।
         प्रकरण में परीक्षणोपरांत  यह पाया गया कि अनावेदक के विरुद्ध 1994 से लगातार अपराध दर्ज हैं, पुलिस अधीक्षक शहडोल द्वारा अनावेदक के इस तथ्य से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि अनावेदक के विरुद्ध 1994 से 2017 तक लगातार आपराधिक मामले दर्ज हैं। अनावेदक के प्रकरण का गंभीरता से परीक्षण कर विचारोपरांत उक्त कार्यवाही कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट डॉ. सतेन्द्र सिंह द्वारा की गई है।



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