
प्रदेश के पिछडा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ जन-जाति कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री रामखेलावन पटेल ने कहा कि हम बिरसामुंडा के आदर्शों, विचारों तथा उनके बताए गए रास्तों का अनुसरण करें। बिरसामुंडा जयंती गांव-गांव और पंचायत स्तर पर मनाए इसमें सरकार अपनी भूमिका का निर्वहन करेगी। राज्य मंत्री श्री पटेल रविवार को कलेक्टर सभाकक्ष में आदिवासी महानायक अमर शहीद बिरसामुंडा जयंती समारोह कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
राज्य मंत्री श्री पटेल ने अमर शहीद बिरसामुंडा की शहादत का स्मरण करते हुए कहा कि आज देश तथा प्रदेश में बिरसामुंडा जयंती मनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों को लेकर बिरसामुंडा ने जल-जंगल-जमीन के लिए आंदोलन किया। मांग पत्र में परसमनिया पठार के आदिवासियों की समस्याओं को संज्ञान में लेते हुए मंत्री श्री पटेल ने कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक को समस्याओं की जांच कर सरकार को अवगत कराने की बात कही। शहर में बिरसामुंडा की प्रतिमा लगाने की मांग पर मंत्री श्री पटेल ने कहा कि आप स्थान चिन्हिंत कर लें, प्रतिमा लगाने का कार्य प्राथमिकता से किया जाएगा।
कार्यक्रम में सांसद श्री गणेश सिंह ने कहा कि भगवान बिरसामुंडा का त्याग और बलिदान इतिहास में कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। छोटी सी उम्र में समाज को एकजुट करके उन्होंने अग्रेजों के खिलाफ युद्ध का बिगुल फूंका। बिरसामुंडा ने अंग्रेजों से जो लडाई शुरू की थी वही कारण है कि हमारा देश आजाद हुआ। सांसद ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सभी महापुरूषों को आदर और सम्मान किया है। मध्यप्रदेश के सभी जिलों में सरकारी स्तर पर यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने प्रदेश के श्री शिवराज सिंह चौहान को धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सतना विधायक श्री सिद्धार्थ कुशवाहा ने कहा कि बिरसामुंडा सिर्फ आदिवासी समाज के ही नहीं बल्कि पूरे देश के महापुरूष है। हमें आगे आने वाली पीढी के लिए ऐसा रास्ता बनाना है, जिसमें उनका अधिकार एवं सम्मान सुरक्षित रह सके।
कार्यक्रम में कलेक्टर श्री अजय कटेसरिया ने कहा कि बिरसामुंडा बहुत ही तेजस्वी जननायक थे, इसलिए उन्हें सूर्यदेव भी कहा जाता था। बिरसामुंडा के कारण आदिवासी क्षेत्रों में अंग्रेज सरकार कभी भी कर वसूल नहीं कर पाई। आंदोलन के बाद अंग्रेज सरकार द्वारा भारत के किसी भी बडे भू-भाग पर अधिकार करने की कोशिश भी नहीं की गई। आदिवासियों की समस्याओं को लेकर पूर्व जिला पंचायत सदस्य श्री कमल सिंह मरकाम तथा कोल समाज के अध्यक्ष श्री चन्द्रभान रावत द्वारा अपने भाव व्यक्त किए गए। कार्यक्रम में रैगांव विधायक सर्वश्री जुगुल किशोर बागरी, पुलिस अधीक्षक श्री धर्मवीर सिंह, अनुविभागीय अधिकारी (शहर) श्री राजेश शाही, तहसीलदार श्री बी0के0 मिश्रा, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती चद्रकली कोल सहित आदिवासी समाज के प्रतिनिधिगण तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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