चार आदिवासी परिवार केला की खेती को अपनाकर कुपोषण की जंग में दे रहे है सहारा (खुशियों की दास्तां) - Vidisha Times

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

गुरुवार, 12 नवंबर 2020

चार आदिवासी परिवार केला की खेती को अपनाकर कुपोषण की जंग में दे रहे है सहारा (खुशियों की दास्तां)

श्योपुर | 


  जिला प्रशासन द्वारा महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग एवं मप्रडे आजीविकास मिशन के माध्यम से कुपोषण से निजात दिलाने की दिशा में निरंतर कार्यवाहियां की जा रही है। जिसमें जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल क्षेत्र के 04 ग्राम दुबड़ी के श्री तोलसिंह पुत्र श्री झमरू, श्री मानसिंह पुत्र श्रीनरसिंह, बमोरी के श्री कालू पुत्र श्री तोलसिंह एवं श्री सकरा पुत्र श्री घंसू आदिवासी केला की खेती को अपनाकर कुपोषण की जंग में दे रहे है सहारा।
कलेक्टर श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में एनआरसी केंद्र एवं अन्य संसाधनों के माध्यम से सहरिया परिवारों के कमजोर बच्चों की ग्रेड सुधारने की दिशा में विभागीय अधिकारी और मैदानी कर्मचारियों के माध्यम से अनुकरणीय पहल की जा रही है। इस पहल को जिले में आगे बढ़ाते हुए आदिवासी विकासखण्ड कराहल एवं विजयपुर क्षेत्र के 97 सहरिया परिवारो के यहां केला की खेती को अपनाने की पहल की गई है।  
  श्योपुर जिले के आदिवासी बाहूल्य ग्रामों में 97 हितग्राहियों की 52 एकड़ भूमि पर बड़ी तादात में केला के बगीचे लगाने की दिशा में मप्र डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से मैदानी स्तर पर तैनात कर्मचारियों द्वारा सहरिया चौपालों पर कुपोषण निदान की दिशा में प्रयास जारी है। जिसमें एकता परिषद/गांधी आश्रम के पदाधिकारी तथा मैदानी कर्मचारी भी अपना भरपूर सहयोग दे रहे हैं। सहरिया परिवारो के बचीगो में तीन वर्ष पूर्व लगाये गये केला के बगीचा का स्टाल मुख्यमंत्री जी बरगवां सहरिया चौपाल के दौरान प्रदर्शित किये गये।
  जिले के ग्राम दुबड़ी के ग्राम दुबड़ी के श्री तोलसिंह पुत्र श्री झमरू, श्री मानसिंह पुत्र श्रीनरसिंह, बमोरी के श्री कालू पुत्र श्री तोलसिंह एवं श्री सकरा पुत्र श्री घंसू आदिवासी अपने ग्राम की चौपालों पर कमजोर बच्चों को पोषित करने की दिशा में चर्चा कर रहे थे। तभी मप्र डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अमले द्वारा ग्राम भ्रमण के दौरान उनकों बताया कि कुपोषण से जंग की दिशा में श्योपुर जिले में निरंतर अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में स्वास्थ्य, महिला बाल विकास एवं मप्रडे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारी/कर्मचारी एवं एकता परिषद/गांधी आश्रम के पदाधिकारी भरपूर सहयोग दे रहे है।
  डीपीएम आजीविका मिशन श्री सोहनकृष्ण मुदगल एवं उनके मैदानी अमले द्वारा आदिवासी विकासखण्ड कराहल के चार ग्रामो के आदिवासी परिवारो ने 97 ग्रामीण सहरिया परिवार के व्यक्तियों के यहां समझाइश देकर केला की खेती करने से बच्चों में कुपोषण से निजात दिलाने के लिए प्रेरित किया। साथ ही ग्राम दुबड़ी के श्री तोलसिंह पुत्र श्री झमरू, श्री मानसिंह पुत्र श्रीनरसिंह, बमोरी के श्री कालू पुत्र श्री तोलसिंह एवं श्री सकरा पुत्र श्री घंसू आदिवासी को केला की खेती की पद्धति से अवगत कराया। जिससे पे्ररित होकर इन चार आदिवासी परिवारो के अलावा अन्य ग्रामों के 97 व्यक्तियों ने भी केला की खेती करने का मन बनाया।
  आदिवासी विकासखण्ड कराहल के इन चार परिवारो के यहां मप्रडे आजीविका ग्रामीण मिशन के सहायोग से केला की खेती करने की मंजूरी दी गई। साथ ही इन गांवो के चार परिवारो को केला के ऐसे पौधे जो कम समय में फल दे उपलब्ध कराये। इसी प्रकार 97 सहरिया परिवारों के यहां 52 एकड़ भूमि में केला के बगीचे लगाने की पहल की। इन बगीचों में केला उत्तम क्वालिटी का कम समय में पैदा होने वाला लगवाया गया। लगाये गये बगीचो में केला के फल को आदिवासी परिवारो के बच्चो को कुपोषण से निजात दिलाने में पौष्टिक आहार के रूप में लाया जावेगा। जिससे आदिवासी परिवार के बच्चो के लिए कुपोषण के विरूद्ध जंग में केला के पौधा रोंपण सहारा बनेगा।
  जिले के ग्राम दुबड़ी के श्री तोलसिंह पुत्र झमरू, श्री मानसिंह पुत्र श्रीनरसिंह, बमोरी के श्री कालू पुत्र श्रीतोलसिंह एवं श्री सकरा पुत्र श्री घंसू आदिवासी ने बताया कि जिला प्रशासन की पहल पर मप्रडे आजीविका ग्रामीण मिशन के माध्यम से कुपोषण से जंग की दिशा में हम चार परिवारो के यहां तीन वर्ष पूर्व लगाये गये केला के पौधो में फल आने  लगे है। यह फल हमारे परिवारो के बच्चो के अलावा गांव और क्षेत्र के सहरिया परिवारो के बच्चो को उपलब्ध कराये जा रहे है। जिससे हमारी आय में इजाफा हो रहा है। साथ ही केला फल बच्चो को पोष्टिक आहार के रूप में सहायक बन रहा है।  



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

VIDISHA TIMES