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गुरुवार, 19 नवंबर 2020

कमिश्नर श्री जैन ने ईको सेंसिटिव जोन की बैठक में दिये अधिकारियों को निर्देश ईको सेंसिटिव जोन के प्रावधानों के अनुसार बनाये विकास कार्य योजना - कमिश्नर

रीवा | 


 

 


      रीवा संभाग के कमिश्नर राजेश कुमार जैन ने कहा कि ईको सेंसिटिव जोन में चिन्हित किये गये रीवा, सीधी तथा सिंगरौली जिले के क्षेत्रों में निर्धारित प्रावधानों के अनुसार विकास एवं निर्माण की कार्य योजना तैयार करें। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता तथा वन्य प्राणी क्षेत्र में न्यूनतम हस्तक्षेप को ध्यान में रखते हुए विकास की कार्य योजना तैयार करें। उन्होंने जोनल मास्टर प्लान के प्रगति की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि संबंधित जनप्रतिनिधियों एवं उस क्षेत्र में आने वाले ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों से विस्तृत चर्चा कर मास्टर प्लान का क्रियान्वयन किया जाय। उन्होंने कहा कि संजय टाइगर रिजर्व एवं अधीनस्थ अभ्यारणों में टूरिज्म को बढ़ावा देने एवं अन्य क्षेत्र को विकसित करने के दौरान सुप्रिम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन करते हुए विकास कार्य किये जाय। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में आने वाले विभागों द्वारा किये जाने वाले निर्माण एवं विकास कार्य की जानकारी दी जाय ताकि वे सही ढंग से क्रियान्वयन कर सके। कमिश्नर ने कहा कि जिलावार विस्तृत बैठक आयोजित कर मास्टर प्लान की विस्तृत जानकारी दी जाय। कमिश्नर श्री जैन ने ईको सेंसिटिव जोन का मास्टर प्लान तैयार करने के लिए निर्धारित एजेंसी आईपीई ग्लोवल के प्रतिनिधियों से कहा कि मास्टर प्लान में चिन्हित गांव के लिए समन्वित कार्य योजना तैयार करें। बताया गया कि ईको सेंसिटिव जोन में जैविक खेती, वन क्षेत्र में वन्य जीवन के संरक्षण एवं पर्यटन संभावनाओं की कार्य योजना तैयार की गयी है।
    बैठक में मुख्य वन संरक्षक विन्सेंट रहीम, कलेक्टर सतना अजय कटेसरिया, कलेक्टर सीधी श्री रवीन्द्र चौधरी, सिंगरौली कलेक्टर राजीव रंजन, संजय टाइगर रिजर्व के डॉ. ए.ए. अंसारी एवं उप संचालक सतीश निगम सहित संभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
    कमिश्नर श्री जैन ने बताया कि ईको सेंसिटिव जोन बनाने का मुख्य उद्देश्य नेशनल पार्क तथा अभ्यारण्यों में जनसंख्या के दबाव को कम करना एवं आमजन को पर्यावरण अनुकूल आजीविका के साधन उपलब्ध कराना है। ईको सेंसिटिव जोन में निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप पर्यटन के विकास, पर्यावरण संरक्षण, जैविक खेती, लघु उद्यमों के विकास, पेयजल व्यवस्था, साफ-सफाई व्यवस्था, प्लास्टिक के उपयोग को प्रतिबंधित करना, मूलभूत संरचना के विकास के लिए सड़क, पेयजल एवं अन्य व्यवस्थाओं से जुड़े निर्माण कार्यों को प्राथमिकता से शामिल करें। ईको सेंसिटिव जोन में ईको पर्यटन, तथा आजीविका के अवसर बढ़ाने के लिए उचित प्रशिक्षण की व्यवस्था करें। कमिश्नर ने निर्देश दिये कि संजय गांधी टाइगर रिजर्व, सोन घड़ियाल एवं बगदरा क्षेत्र में कोई नया कब्जा एवं निर्माण न होने पाये। उन्होंने कहा कि कृषि, उद्यानिकी एवं कुटीर उद्योगों को स्पेशिफाइड करें कि किन गतिविधियों को प्राथमिकता के आधार पर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि तैयार किये गये मास्टर प्लान का चरणबद्ध क्रियान्वयन किया जाय। इसके लिए उच्च, मध्यम एवं उसके बाद की प्राथमिकताएं निश्चित की जाये। उन्होंने ईको सेंसिटिव जोन में समीक्षा एवं क्रियान्वयन के लिए उप संचालक सतीश निगम को नोडल अधिकारी बनाया है। मास्टर प्लान की पावर प्वाइंट के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया गया कि मास्टर प्लान में 200 ग्रामों को शामिल किया गया है। इसमें सबसे अधिक सीधी जिले के ग्राम संजय गांधी टाइगर रिजर्व में, सोन घड़ियाल तथा सबसे कम सिंगरौली जिले का एक ग्राम शामिल है। सुप्रिम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है। यह अभी फ्रेमवर्क में है इसमें 28 ईको सेंसिटिव प्वाइंट हैं 18 नोटिफाइड हैं तीन प्रोटेक्टिव एरिया हैं।




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