मध्यप्रदेश में गौ-केबिनेट के गठन का महत्वपूर्ण निर्णय, 22 नवम्बर को प्रथम बैठक मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रयासों से कृषि केबिनेट के मिले थे अनेक लाभ, अब गौ पालकों के आर्थिक उत्थान का कदम - Vidisha Times

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

गुरुवार, 19 नवंबर 2020

मध्यप्रदेश में गौ-केबिनेट के गठन का महत्वपूर्ण निर्णय, 22 नवम्बर को प्रथम बैठक मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रयासों से कृषि केबिनेट के मिले थे अनेक लाभ, अब गौ पालकों के आर्थिक उत्थान का कदम

दमोह | 


 

      मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में गौधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौ-केबिनेट के गठन का निर्णय लिया है। इस केबिनेट में पशुपालन, वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, राजस्व, गृह और कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग को शामिल किया जायेगा।
      मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि गौ-केबिनेट की प्रथम बैठक गोपाष्टमी के दिन 22 नवम्बर को आगर-मालवा में गौ अभ्यारण में आयोजित की जाएगी।
      मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए एकीकृत समेकित कृषि के महत्व को रेखांकित किया है। कृषि में खाद्यान्न के उत्पादन और कृषकों को फसलों का उचित मूल्य दिलाने के साथ गौ पालन की अहम भूमिका है। कृषि कार्य में संलग्न कृषकों को पशुपालन के लिए काफी समय मिलता है। गौ पालन की दिक्कतें दूर होंगी और इसे आर्थिक रूप से उपयोगी बनाने की दिशा में योजनाओं और कार्यक्रमों को गति मिलेगी। साथ ही गौधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए उपायों को अपनाया जायेगा।
      उल्लेखनीय है कि ख्यमंत्री श्री चौहान ने ही कृषि केबिनेट का गठन किया था। इस केबिनेट के निर्णयों पर अमल हुआ। कृषि क्षेत्र में उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि के साथ किसानों को शासन की योजनाओं का लाभ मिला। उन्हें आर्थिक रूप से काफी फायदा हुआ। ठीक इसी तरह गौ-केबिनेट के गठन से गौ-सेवकों, पशु पालकों और किसानों को फायदा होगा।
      मध्यप्रदेश में गौ-केबिनेट के गठन से पशुपालक, गौ-सेवकों, कृषकों और खेतिहर श्रमिकों के आर्थिक कल्याण की संभावनाएं बढ़ेंगी। भारतीय संस्कृति में गौ सेवा का प्रमुख स्थान है। आज भी लाखों परिवार घर में बनी पहली रोटी गौ माता को खिलाते हैं। गौ-माता के दूध से निर्मित घी का पूजा अनुष्ठान में विशेष महत्व है। मध्यप्रदेश सरकार ने गौ- शालाओं के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाएं हैं।

गौ-अभ्यारण मध्यप्रदेश की महत्वपूर्ण उपलब्धि

   मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गौ-केबिनेट के लिए आगर-मालवा जिले में स्थित गौ-अभ्यारण का चयन किया है। यह भारत में प्रारंभ होने वाला प्रथम गौ-अभ्यारण था। यह प्रदेश की महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा के अवसर पर गोपाष्टमी गौ-अभ्यारण में मनाने की घोषणा की थी। मध्यप्रदेश में गौ-सेवकों को गौ-शालाओं के संचालन के लिए सहायता दी गई। अशक्त और अस्वस्थ गायों के लिए उपचार और पोषण की व्यवस्थाएं भी की गईं। गौ-सेवा आयोग के माध्यम से विभिन्न गतिविधियां आयोजित कर गौ- शालाओं के विकास के लिए सहयोग किया गया।

   छह विभाग करेंगे क्रियान्वयन, समन्वय से होगा कार्य में छह विभाग मुख्य रूप से गौ-केबिनेट निर्णयों के क्रियान्वयन को अंजाम देंगे। गाय के गोबर के कंडों का उपयोग भी किस तरह बढ़े, इस दिशा में कार्य योजना को लागू किया जाएगा। छह विभागों की सक्रियता से क्रियान्वयन के स्तर पर कठिनाई नहीं होगी। समन्वय से कार्य पूरे किए जाएंगे। वर्तमान में गौ-काष्ठ के निर्माण को प्रोत्साहन मिल रहा है। इस उत्पाद के विपणन के नये आयामों पर विचार किया जाएगा। इसी तरह गौ-दुग्ध से निर्मित अन्य वस्तुओं के विपणन के लिए भी प्रयास होंगे।




कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

VIDISHA TIMES