विभागों के अधिपत्य में अनुपयोगी शासकीय परिसम्पत्तियों के प्रबंधन हेतु चिन्हांकन एवं पोर्टल पर इंद्राज किया जाये - Vidisha Times

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

शनिवार, 14 नवंबर 2020

विभागों के अधिपत्य में अनुपयोगी शासकीय परिसम्पत्तियों के प्रबंधन हेतु चिन्हांकन एवं पोर्टल पर इंद्राज किया जाये

मुरैना | 


 

    राज्य शासन ने सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी कर कहा है कि राज्य शासन के अन्तर्गत विभिन्न विभागों तथा एजेन्सियों के आधिपत्य में महत्वपूर्ण शासकीय परिसम्पत्तियां है। नवीन अधोसंरचना के विकास के फलस्वरूप ऐसी अनेक शासकीय परिसम्पत्तियां, विशेषतः भूमि-भवन या तो अनुपयोगी हो गये है अथवा उनका समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा है। ऐसी परिसम्पत्तियां जिनका शासकीय उपयोग नहीं हो पा रहा है। उनके व्यवासयिक उपयोग, मौद्रीकरण किये जाने से शासन को अतिरिक्त वित्तीय आय प्राप्त हो सकेगी। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये शासन ने एक नवीन विभाग ’’लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग’’ का गठन किया है। लोक परिसम्पत्ति विभाग के गठन एवं दायित्वों के संबंध में मध्यप्रदेश शासन ने आदेश जारी किये।
    लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग के कार्यकारी निकाय के रूप में मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम को नियुक्त किया गया है। उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में प्रथमतः विभिन्न विभागों के अन्तर्गत ऐसी अनुपयोगी परिसम्पत्तियों का चिन्हांकन किया जाना है। जिनके प्रबंधन पर पुनर्विचार करना आवश्यक प्रतीत होता है तथा ऐसी परिसम्पत्तियों का पंजीयन लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग के पोर्टल (लिंक मध्यप्रदेश लोक परिसम्पत्ति  प्रबंधन विभाग की वेबसाइट www.pam. mp.gov.in एवं mprdc की वेबसाइट www.mprdc.gov.in पर किया जाना है। पोर्टल पर लॉगिन करने हेतु लॉगिन आईडी एवं पासवर्ड लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा अधिकृत ई-मेल आईडी पर पृथक से उपलब्ध कराया जायेगा।
    कलेक्टर मुरैना को लिखा गया है कि आपके जिले के अन्तर्गत विभिन्न विभागों की ऐसी अनुपयोगी शासकीय सम्पत्ति के चिन्हांकन एवं पोर्टल पर इंद्राज हेतु आपके जिले के लिये एक नोडल अधिकारी नियुक्त कर लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग एवं प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम को अवगत करायें। तदोपरांत समस्त जिला अधिकारियों के साथ नियमित बैठक आयोजित कर लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग के पोर्टल पर सम्पतियों के पूर्ण विवरण उदाहरणार्थ खसरा की नकल, अतिक्रमण की वैधानिक स्थिति, विभाग के आधिपत्य का इंद्राज करें।

 



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

VIDISHA TIMES