
कमिश्नर श्री कवीन्द्र कियावत ने कहा है कि परिवीक्षा के दौरान प्रशिक्षण को व्यवहारिक के साथ प्रायोगिक रूप से सीखने वाले ही सफल अधिकारी बनते है। रविवार को मध्यप्रदेश बीज एवं फर्म विकास निगम के परिसर में संपन्न हुई कार्यशाला में सम्भाग के 5 जिलों के 175 अधिकारियों ने सहभागिता की।
इन राजस्व अधिकारियों में उप जिलाध्यक्ष, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार शामिल थे।
कमिश्नर श्री कवीन्द्र कियावत ने कार्यशाला में कहा कि अच्छा प्रशिक्षण और परिवीक्षाधीन के दौरान प्रशिक्षण को गंभीरता से पूर्ण करने वाले अधिकारी ही कुशल अधिकारी बनते हैं। उन्होंने कहा कि न्यायालयीन प्रक्रिया के लिए जरूरी है कि अधिकारी न्यायालयों में अधिक समय दे, कानूनों में सब कुछ स्पष्ट होता है, बस उसे उसी अनुसार क्रियान्वयन किया जाए। उन्होंने कहा कि सीखने के लिए अध्ययन जरूरी है। उन्होंने कहा कि न्याय और प्रक्रिया को अपनाने वाले अधिकारी हमेशा सफल होते हैं। इससे पहले श्री अशोक कुमार गुप्ता सदस्य सचिव राजस्व भूमि सुधार आयोग एवं श्री अशोक कुमार सिंह सलाहकार नगरीय भूमि प्रबंधन राज्य भूमि सुधार आयोग द्वारा प्रशिक्षार्थियों को नवीन न्यायालयीन प्रक्रिया, नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन संबंधी नियमों की जानकारी दी गई, साथ ही मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता के संशोधनों के बारे में बताया गया।
अतिरिक्त आयुक्त श्रीमती ऊषा परमार ने न्यायालयीन प्रक्रिया की जानकारी दी। कार्यशाला में भोपाल विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री बुद्धेश कुमार वैद्य ने प्राधिकरण की कार्यप्रणाली एवं विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।
वरिष्ठ अनुभवी राजस्व अधिकारियों के पैनल द्वारा परिवीक्षाधीन अधिकारियों की परिवीक्षाधीन प्रशिक्षण गतिविधियों का आकलन किया गया आकलन के दौरान अधिकारियों से राजस्व संबंधी संपूर्ण कार्यों जैसे न्यायालय प्रक्रिया, नामांकन, बंटवारा, सीमांकन सहित सभी कार्यों की जानकारी दी गई। उनके द्वारा बनाए गए ट्रेनिंग नोट्स भी देखे गए। कार्यशाला का संचालन उपायुक्त श्रीमती संजू कुमारी ने किया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें