हरदा | 26-फरवरी-2021 |
कलेक्टर श्री संजय गुप्ता ने नरवाई जलाने पर रोक एवं फसल अवशेषों में आग लगाने पर पर्यावरण को हो रहे नुकसान को दृष्टिगत रखते हुए फसल अवशेषों के प्रबन्धन हेतु निर्देश जारी किये है। उन्होने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास हरदा, जिला पशु चिकित्सा अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, जिला परिवहन अधिकारी, तहसीलदार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं नायब तहसीलदार सर्व जिला हरदा को निर्देशित किया है कि कृषकों द्वारा फसल की कटाई उपरान्त खेत में जो फसल अवशेष रह जाते है, उनका प्रबन्धन उचित तरीके से किया जावे। निकट भविष्य में फसल कटाई का कार्य प्रारम्भ होने के दृष्टिगत, नरवाई जलाने वाले संभावित क्षेत्रों का चिन्हांकन पूर्व में ही कर लिया जावें, फसल कटाई के पूर्व से ही कृषकों को इससे होने वाले नुकसानों एवं फसल अवशेषों के प्रबन्धन से होने वाली संभावित आय के बारे में व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार कर जागरूक किया जायें। ग्राम स्तर पर सभी संबद्ध विभागों जैसे कृषि, पशुपालन, राजसव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास आदि के द्वारा संयुक्त रूप से संगोष्ठियों का आयोजन किया जाये। ग्राम में कृषकों को इससे संबंधित साहित्य भी वितरित किया जावें। जिन क्षेत्रों में कंबाईन हार्वेस्टर से फसल कटाई की जाती है, वहां हार्वेस्टर के साथ स्ट्रारीपर के प्रयोग की अनिवार्यता की जावे। हार्वेस्टर में एसएमएस सिस्टम अनिवार्य रूप से संलग्न हो। एसएमएस सिस्टम न पाये जाने पर संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जावे। कटाई हेतु रीपर कम बाईडर के उपयोग को बढ़ावा दिया जाये, जिससे फसल को काफी नीचे से काटा जा सकता है एवं नरवाई जलाने की आवश्यकता नहीं होती। खेतों को गहरी जुताई, हैप्पी सीडर तथा जीरोटिलेज सीडड्रिल से बुआई को प्रोत्साहित किया जावें। इन यंत्रों के उपयोग से फसल अवशेषों को भूमि में ही मिलाया जा सकेगा, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति तथा उत्पादन में वृद्धि होती है। कलेक्टर श्री गुप्ता ने अवगत कराया कि म.प्र. शासन पर्यावरण विभाग द्वारा पूरे म.प्र. में वायु अधिनियम 19 (5) के तहत नरवाई जलाना प्रतिबंधित कर दिया गया है। |
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