रीवा | |
खेती तथा पशुपालन के साथ मछली पालन भी किसानों के लिये लाभदायी व्यवसाय है। बारहमासी तालाबों के साथ-साथ 6 माह तक जल संग्रहण करने वाले तालाबों में कम अवधि की मछली का पालन किया जा सकता है। रीवा संभाग में इस वर्ष 12 करोड़ 27 लाख मछली बीज संचयन का लक्ष्य रखा गया है। इस संबंध में उप संचालक मछली पालन ने बताया कि रीवा जिले में 4 करोड़ 50 लाख तथा सतना जिले में 4 करोड़ 80 लाख स्टैण्डर्ड फ्राई मछली बीज का संचयन किया जायेगा। सीधी जिले में एक करोड़ 72 लाख तथा सिंगरौली जिले में एक करोड़ 25 लाख मछली बीज संचयन का लक्ष्य है। इसे संभाग के मछली पालक किसानों एवं मछुआ सहकारी समितियों को उपलब्ध कराया जायेगा। संभाग में मैहर के समीप पोड़ी में सबसे बड़ा मछली बीज उत्पादन केन्द्र है। संभाग में ग्रामीण क्षेत्र में 4 हजार 916 तालाब मछली पालन के लिये उपलब्ध हैं। इनमें परंपरागत मछुआरों तथा मछुआ सहकारी समितियों के माध्यम से मछली पालन कराया जा रहा है। |
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