जबलपुर | |
सत्यप्रकाश आंखों में आई सूजन और असहनीय दर्द होने पर 19 मई को मेडिकल मेडिकल कॉलेज पहुँचे थे जहां परीक्षण के बाद उन्हें ब्लैक फंगस के मरीजों के उपचार के लिये बनाये गये डेडिकेटेड वार्ड में भर्ती किया गया। सत्यप्रकाश बताते हैं कि सूजन के कारण उनकी एक आंख पूरी ढंक चुकी थी। मेडिकल कॉलेज पहुंचते ही तुरन्त उपचार शुरू किया गया। विशेषज्ञ चिकित्सकों ने उन्हें सर्जरी कराने की सलाह दी। इस दौरान चिकित्सक और नर्सिंग स्टॉफ इस बीमारी से लड़ने में उनका लगातार मनोबल बढ़ाते रहे। बाईस मई को जब उन्हें सर्जरी के लिये ऑपरेशन थियेटर ले जाया जा रहा था तब घबराहट के कारण उनका ब्लड प्रेशर बढ़ गया। ऐसी स्थिति में ऑपरेशन टाल दिया गया। इसके तीन दिन बाद उनका ऑपरेशन किया गया। श्री नामदेव ने बताया कि सफल सर्जरी के बाद भी उन्हें अस्पताल से सभी दवाइयां और एम्फोटेरेसिन-बी इंजेक्शन निःशुल्क उपलब्ध कराये जाते है। उन्होंने मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाओं, साफ-सफाई और चिकित्सकों तथा नर्सिंग स्टॉफ के व्यवहार की सराहना करते हुये दवायें एवं इंजेक्शन निःशुल्क उपलब्ध कराये जाये पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त किया। सत्यप्रकाश स्वस्थ्य होकर घर लौटने के पांच दिन बाद फॉलोअप के लिये आज पुन: मेडिकल पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मेडीकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के मरीजों को दिये जा रहे उपचार की एक बार फिर तारीफ करते हुये इस बीमारी से पीड़ित लोगों को मेडिकल कॉलेज पहुंचकर अपना उपचार कराने की सलाह भी दी। मेडीकल कॉलेज की नाक-कान-गला रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. कविता सचदेवा ने बताया कि अभी तक मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के 95 मरीजों की सफल सर्जरी की जा चुकी है, 233 इण्डोस्कोपी की गई है तथा 59 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में ब्लैक फंगस के 123 मरीज भर्ती है जिनका उपचार चल रहा है। |
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