ब्लैक फंगस संक्रमण से बचाव के लिये सावधानियां - Vidisha Times

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

रविवार, 13 जून 2021

ब्लैक फंगस संक्रमण से बचाव के लिये सावधानियां

 

सतना | 
 
    ब्लैक फंगस (इनवेसिव म्यूकोर्मिकोसिस) एक फंगल संक्रमण है, जो कुछ कोविड-19 मरीजों में बीमारी से ठीक होने के दौरान या बाद में पाया जा रहा है। इसके संक्रमण से बचाव के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रोटोकाल जारी किये गये हैं। जिसके अनुसार कोरोना से संक्रमित मरीज, कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्ति या कोरोना के संदिग्ध मरीज अपने डायबिटीज की प्रतिदिन निगरानी करें एवं उस पर उचित नियंत्रण रखें। डॉक्टर की सलाह पर स्टेरॉयड ले रहे मरीज भी अपने शरीर में शुगर की मात्रा की प्रतिदिन निगरानी रखें। किसी भी स्थिति में स्टेरॉयड एवं ब्रॉड स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक्स का अनावश्यक एवं अनुचित सेवन नहीं करें। इसके अलावा ऑक्सीजन के रोगी उपयोग के दौरान ह्यूमिडीफायर बॉटल में स्टेराइल या डिस्टिल्ड वॉटर का उपयोग करें एवं नियमित रूप से पानी को बदलते रहें। मरीजों के लिये उपयोग होने वाला ऑक्सीजन मास्क, कैनुला आदि को नियमित रूप से सैनिटाइज करें और जरूरत के अनुसार बदलते रहें। अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों में संक्रमण के नियंत्रण के लिये शासन द्वारा जारी तय प्रोटोकाल का पालन करें।
ब्लैक फंगस के लक्षण
    नाक बंद होना, नाक से काले रंग का डिस्चार्ज होना, नाक के आसपास गालों की हड्डियों में दर्द होना, चेहरे में दर्द, सुन्नपन एवं सूजन बाना, लगातार सिरदर्द होना, दांतो में दर्द और दांतो का जड़ो से हिलना, जबड़े में दर्द होना, आंखो में दर्द के साथ धुंधला दिखना, बुखार आना एवं शरीर में नील पड़ना, सीने में दर्द, सांस लेने में दर्द होना, फेफड़ो में पानी भरना एवं खून की उल्टी होना, मुंह से बदबू आना एवं मानसिक भ्रम उत्पन्न होना ब्लैक फंगस संक्रमण के लक्षण हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

VIDISHA TIMES