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मंगलवार, 8 जून 2021

कम समय में अधिक दाम देने वाली फसल है मूँग

 

धार | 
    किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने बताया है कि ग्रीष्मकालीन मूँग की फसल कम समय में अधिक लाभ देने वाली है। इसमें 60 दिन की अवधि में ही फसल तैयार हो जाती है। ग्रीष्मकालीन मूँग कम लागत में अधिक लाभ प्रदाय करने वाली फसल है। उन्होंने बताया कि होशंगाबाद जिले में ग्रीष्मकालीन मूँग का रकबा लगातार बढ़ता जा रहा है, जो कि पिछले 5 वर्षो में 70 हजार हेक्टर से बढ़कर 2 लाख 8 हजार हेक्टर तक पहुँच गया है। जिले में ग्रीष्म-कालीन मूँग फसल के लिए अनुकूल परिस्थितियों और मूँग की खेती से किसानों को लगातार लाभ मिलने के कारण किसानों का रूझान ग्रीष्म-कालीन मूँग की फसल में बढ़ा है। किसानों के बढ़ते रुझान के कारण ही इस वर्ष तवा डेम से किसानों को सिंचाई के लिये निर्बाध पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई। इस वर्ष ग्रीष्मकालीन मूँग 2 लाख 8 हजार हेक्टेयर में बोई गई, जबकि गत वर्ष एक लाख 82 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी हुई थी। इस वर्ष मूँग की फसल की स्थिति अच्छी होने से औसत फसल उत्पादकता 15 क्विंटल प्राप्त हो रही है। इससे 3.10 लाख मीट्रिक टन फसल उत्पादन प्राप्त होना अनुमानित है, जिससे 60 दिन की फसल से कृषकों को 7196 रूपये प्रति क्विंटल एम०एस०पी० से लगभग 2200 करोड़ की आमदनी होना संभावित है।
होशंगाबाद जिले में गत वर्ष 2020 में कोविड-19 और लॉकडाउन के दौरान एक लाख 82 हजार 200 हेक्टर क्षेत्र में 60 दिन की ग्रीष्म-कालीन मूँग फसल से किसानों को लगभग 1650 करोड़ की अतिरिक्त आय प्राप्त हुई थी। लेकिन इस उपलब्धि से भी अधिक इस वर्ष होशंगाबाद जिले ने ग्रीष्मकालीन मूँग फसल में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। वर्ष 2021 में होशंगाबाद जिले ने ग्रीष्मकालीन मूँग फसल उत्पादन में एक नया आयाम स्थापित किया है। इस वर्ष जिले में पूर्व वर्षों के समस्त रिकार्ड को ध्वस्त करते हुये 2 लाख 8 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मूँग की फसल लगाई गई। इस वर्ष जायद सीजन के पूर्व ही वैश्विक महामारी कोविड-19 की दूसरी लहर का प्रकोप देश और प्रदेश में शुरू हो चुका था, जिसके कारण कोरोना कर्फ्यू जैसी परिस्थिति निर्मित हुई थी। एक ओर जहाँ उद्योग-धंधे और आय के स्त्रोत आमजन के लिए नगण्य हो गये थे। इसी दौरान होशंगाबाद जिले के कृषक, जिला प्रशासन और कृषि विभाग के अनूठे प्रयास के द्वारा होशंगाबाद जिले के अन्नदाता किसानों ने आय का एक अतिरिक्त विकल्प तैयार किया। जिले में 2 लाख 8 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मूँग की फसल लगाई गई।
मंत्री श्री पटेल ने कलेक्टर होशंगाबाद श्री धनंजय सिंह द्वारा जिले की किसानों को मूँग फसल की खेती के लिए आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए किये गये पुख्ता इंतजामों की सराहना की है। ग्रीष्मकाल में तवा नहर से किसानों को सिंचाई के लिये पर्याप्त पानी मिले, इसकी नियमित मॉनिटरिंग की गई। कोरोना संक्रमण काल में लागू कोरोना कर्फ्यू के दौरान भी किसानों को मूँग की बुवाई के लिए समय पर खाद, बीज और कीटनाशक की पर्याप्त उपल्धता बनी रहें। इसकी समुचित व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की गई।

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