कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल पुलिस महानिदेशक से मिला
भोपाल, कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के निर्देश पर पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव के नेतृत्व मंे आज प्रदेश कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल ने राज्य के पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर सक्सेना से मुलाकात कर सत्तारूढ़ भाजपा व उसकी सरकार द्वारा लगातार सत्ता, संगठन, पद और प्रभुत्व का दुरूपयोग कर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ निरंतर बनाये जा रहे झूठे प्रकरणों की निंदा करते हुए कहा कि पुलिस सरकार की कठपुतली बन उसके इशारे पर समानांतर न्याय पालिका चला रही है, जो संविधान के विपरीत है।
कांग्रेस नेताओं ने इस दौरान सौंपे गये अपने ज्ञापन में कहा कि सरकार के इशारे पर प्रदेश में समानांतर कानून, संविधान और न्याय पालिका संचालित की जा रही है। आरोपी और अपराधी के बीच अंतर न समझते हुए कानून की दोहरी व्याख्या की जा रही है और गुनाहगार भाजपा नेताओं को बचाया जा रहा है। कुछेक घटनाएं इसका सीधा प्रमाण हैं, जैसे:-
1. पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती यदि राजधानी भोपाल के बरखेडा पठानी स्थित शराब की दुकान में कानून अपने हाथों में लेकर वहाँ पथराव करती हैं, उनके खिलाफ आज तक कोई एफआईआर नहीं हुई। सरकार द्वारा पत्थरबाजी और उससे हुये नुकसान की वसूली को लेकर बनाया गया कानून सुश्री भारती के खिलाफ उपयोग में क्यों नहीं लाया गया?
2. बैरसिया में 100 गायों की हत्या और उनके चमड़े के व्यापार किये जाने के स्पष्ट प्रमाणांे के बावजूद आरएसएस समर्थित गोशाला की संचालिका के नामजद एफआईआर दर्ज होने के बाद संचालिका की आज तक गिरफ्तारी क्यांे नहीं हुई?
3. रीवा सर्किट हाउस में भगवाधारी कथित सन्यायी द्वारा शराब पिलाकर एक नाबालिग के साथ किये गये गैंगरेप के दौरान सर्किट हाउस का आरोपियांे को कमरा दिलाने वाले चिन्हित मंत्री के खिलाफ अब तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई? जबकि मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने रीवा में ही मंच से घोषणा करते हुए कलेक्टर एसपी को निर्देश दिया था कि जिसने भी राजनिवास (सर्किट हाउस) का आरोपियों को कमरा दिलाया है उन्हें छोड़ा नहीं जायेगा।
4. मुख्यमंत्री जी राशन माफिया और मुनाफाखोरों को लेकर उनके खिलाफ एफआईआर, गिरफतार कर उन्हें जेल भेजने की मुख्यमंत्री विभिन्न मंचों से निरंतर घोषणाएं कर रहे हैं, किन्तु प्रभावी राशन माफियाओं के खिलाफ एफआईआर होने बाद भी पुलिस द्वारा खात्मा क्यांे किया जा रहा है? शायद इसलिए कि वे सत्तारूढ़ नेताओं के रिश्तेदार हैं।
5. भाजपा द्वारा प्रयोजित प्रदेश में कई जिलें तनावग्रस्त है, रायसेन, रतलाम और खरगोन, सेंधवा, बडवानी की घटनाओं से भी सरकार ने कोई सबक नहीं लिया। प्रायः राज्य शासन और सत्ताधारी दल सहित विपक्ष का भी कर्तव्य है कि वह इन परिस्थितियों में पहले अमन-भाईचारा कायम करने की सार्थक पहल करें किन्तु दुर्भाग्य है कि प्रदेश के गृहमंत्री स्वयं ही अपने उत्तेजक बयानों से अमन के टापू म.प्र. में विषवमन कर रहें हैं, ऐसा क्यांे?
प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि सबसे आश्यर्चजनक बात यह है कि जब प्रदेश में विभिन्न धार्मिक पर्व सामने हैं उसे लेकर शोभा यात्रा, जुलुस, जलसों के आयोजन होना है, उसके बावजूद भी सरकार द्वारा कानून व्यवस्था के पालन की जिम्मेदारी क्यों नहीं निभाई गयी। प्रदेश में घटित ऐसी सभी घटनायें यह बताती है कि यह सरकार व इंटेलिजेंस का फेलुअर है और पुलिस राजनैतिक दबाववश कानून व्यवस्था को संभालने हेतु नाकाम साबित हो रही है। वहीं जिम्मेदार कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रण में लेने के बजाय अपने उत्तेजक बयानों से प्रदेश की गंगा-जमुनी फिजा को खराब करने में लगे हैं। कांग्रेस की यह भी मांग है कि दंगाई किसी भी वर्ग विशेष का क्यों न हो, उसके साथ कड़ाई बरती जाये, किंतु कार्यवाही निष्पक्ष और न्यायपूर्ण हो। सभी के साथ समानता का व्यवहार करते हुए काननू व्यवस्था संचालित की जाये।
पुलिस महानिदेशक को सौंपे गये ज्ञापन के दौरान कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल में श्री यादव के साथ पूर्व मंत्री एवं विधायक पी.सी. शर्मा, विधायक आरिफ मसूद, प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष सै. साजिद अली, मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा, महामंत्री मीडिया के.के. मिश्रा, प्रकोष्ठांे के प्रभारी जे.पी. धनोपिया, महामंत्री एवं प्रवक्ता रवि सक्सेना, पूर्व महापौर दीपचंद यादव, प्रदेश कांग्रेस के सचिव साजिद अली आदि उपस्थित थे
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