शिक्षक राष्ट्र निर्माता के साथ आत्मशक्ति के प्रेरणास्रोत भी होते हैं - पूर्व विधायक
शिक्षक दिवस पर पूर्व विधायक ने किया शिक्षक शिक्षकों का सम्मान
गंजबासौदा। शिक्षक राष्ट्र निर्माता होने के साथ ही आत्म शक्ति के प्रेरणा स्त्रोत भी होते हैं। शिक्षकों की महानता का जितना भी वर्णन किया जाए कम है। शिक्षक सूर्य के समान होते हैं जो खुद तपकर छात्र जीवन को निखारते हैं। उक्त उद्गार पूर्व विधायक
निशंक जैन ने स्थानीय मानस भवन में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में व्यक्त किए। समारोह में सेवानिवृत एवं शिक्षिक शिक्षकों का माला, शाल श्रीफल, एवं सम्मान पत्र भेंट कर सम्मान किया। इसके पूर्व मां सरस्वती एवं डॉक्टर राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रचलित कर, कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
श्री जैन ने कहा कि भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉक्टर राधाकृष्णन जी का जन्मदिवस 5 सितंबर को, शिक्षकों के सम्मान में प्रतिवर्ष शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। डॉक्टर राधाकृष्णन शिक्षा और ज्ञान को जीवन का सबसे सशक्त आधार मानते थे। बच्चों के बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, इसके लिए सरकारों को निरंतर कार्य करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वास्तव में समाज को गढ़ने का कार्य शिक्षक ही करते हैं। बच्चे हमारे देश का भविष्य है और शिक्षक बच्चों को तराश कर उन्हें शिक्षा प्रदान कर आगे बढ़ते हैं, और एक अच्छा नागरिक बनाते हैं। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, अपने जीवन की भूली बिसरी यादें और अपने बचपन की सच्ची यादें, याद कर सभी को सुनाई और कहा कि शिक्षकगण विद्यार्थियों को पढ़ने लिखने तक सीमित न होकर उन्हें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाले और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का काम करते हैं। शिक्षक बच्चों के भविष्य को आकार देते हैं और इस तरह राष्ट्र के भावी भविष्य का निर्माण करते हैं। शिक्षकों के बगैर सफल जीवन की कामना निरर्थक होती है। शिक्षकों को बेहतर सुविधाएं मिलें, उनकी कठिनाइयां दूर हो, जिससे कि शिक्षक और अधिक मन लगाकर बच्चों को शिक्षा दें।
उक्त कार्यक्रम शिक्षक सम्मान समिति के तत्वाधान में आयोजित किया गया। शिक्षक सम्मान कार्यक्रम में लगभग 800 से अधिक शिक्षक शिक्षिकाओं का सम्मान किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में शिक्षक व शिक्षिकाएं एवं सेवानिवृत्ति शिक्षक मौजूद रहें।
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